आइए जानें, युवाओं में क्‍यों में बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले

नई दिल्ली, 25 सितंबर . पहले हार्ट अटैक के मामले अधिक उम्र के लोगों में ही देखने को मिलते थे, लेकिन आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में यह जिस तेजी के साथ युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है, उसकी वजह से भारत का हर दूसरा युवा इससे चिंतित है. हर युवाओं के जेहन में महज यही सवाल रहता है कि आखिर अपनी जीवन शैली में ऐसे कौन से फेरबदल करें, जिससे हार्ट अटैक से खुद को महफूज रखा जा सके.

डॉक्टर बताते हैं कि प्राय: ब्लड फ्लो कम होने या अवरुद्ध होने की वजह से हार्ट अटैक के मामले युवाओं में देखने को मिलते हैं. इस तरह की स्थिति तब पैदा होती है, जब कोरोनरी धमनियों में वसा और कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है.

चिकित्सकीय भाषा में इस जमाव को ‘प्लाक’ कहा जाता है. प्लाक का जमा होना धमनियों को संकीर्ण कर सकता है. इससे ब्लड फ्लो कम होता है. इसी वजह से हार्ट अटैक के मामले युवाओं में देखने को मिलते हैं.

डॉक्टर हार्ट के पीछे की कई वजह बताते हैं.

आमतौर पर युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा खराब जीवन शैली, व्यायाम का अभाव, तैलीय पदार्थ का सेवन, जंक फूड के खाने से बढ़ सकता है. नींद की कमी के कारण भी युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ सकते हैं.

डॉक्टर बताते हैं कि अगर आप प्रतिदिन आधे घंटे एक्सरसाइज करें, तो इससे आप हार्ट अटैक को खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं. अपने आहार में फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज का इस्तेमाल करें और धूम्रपान, शराब और सिगरेट का सेवन करने से गुरेज करें, क्योंकि इस तरह के पदार्थों के सेवन से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.

वहीं, नींद का अभाव भी हार्ट के खतरे को बढ़ाता है. लिहाजा प्रतिदिन 7-8 घंटे नींद प्रत्येक व्यक्ति को लेना अनिवार्य है. इसके अलावा, समय-समय पर हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसे टेस्ट कराते रहिए, इससे आपको अपनी स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में पता रहेगा.

एसएचके/