New Delhi, 14 अक्टूबर . लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की हिरासत को लेकर चल रहा विवाद अब Supreme court में पहुंच गया है. इस मामले पर Wednesday को सुनवाई होनी है. इससे पहले लेह के जिला मजिस्ट्रेट ने शीर्ष अदालत में एक हलफनामा दाखिल कर वांगचुक की अवैध हिरासत के आरोपों को संपूर्ण रूप से खारिज किया है.
जिला मजिस्ट्रेट ने अपने हलफनामे में कहा है कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पूरी तरह से वैध प्रक्रिया के तहत की गई है. उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एसएसए), 1980 के तहत हिरासत में लिया गया है. प्रशासन ने बताया कि वांगचुक की कुछ गतिविधियां राज्य की सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और सामुदायिक अनिवार्य सेवाओं के लिए हानिकारक पाई गईं, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई.
हलफनामे में यह भी कहा गया है कि एनएसए के तहत हिरासत के सभी आधारों की विस्तार से समीक्षा के बाद जिला मजिस्ट्रेट ने खुद इस पर संतोष व्यक्त किया और हिरासत का आदेश जारी किया.
प्रशासन ने बताया कि सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को हिरासत में लिया गया था और उसी दिन उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल भेजने की जानकारी दी गई थी. इसके अलावा, लेह थाने के एसएचओ ने टेलीफोन के जरिए वांगचुक की पत्नी को भी इस संबंध में सूचना दी थी. इसलिए प्रशासन ने दावा किया है कि हिरासत की जानकारी न देने के आरोप गलत और भ्रामक हैं.
हलफनामे में यह भी कहा गया कि हिरासत में लिए जाने के 15 दिन बीत जाने के बावजूद सोनम वांगचुक या उनके परिवार की ओर से किसी भी प्रकार का आपत्ति-पत्र या ज्ञापन हिरासत प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया है. प्रशासन ने आगे कहा कि जेल में वांगचुक का नियमित मेडिकल परीक्षण कराया गया है. डॉक्टरों के अनुसार, सोनम वांगचुक ने बताया कि वे कोई नियमित दवा नहीं ले रहे हैं और न ही उन्होंने या उनकी पत्नी ने किसी बीमारी या दवा का जिक्र किया है.
गौरतलब है कि सोनम वांगचुक को एनएसए के तहत हिरासत में लिए जाने के बाद कई सामाजिक संगठनों और Political दलों ने विरोध जताया था. इन सब के बीच उनकी पत्नी का दावा है कि वांगचुक को अवैध तरीके से गिरफ्तार किया गया है. हालांकि, अब लेह के जिला मजिस्ट्रेट ने शीर्ष अदालत में एक हलफनामा दाखिल कर सभी आरोपों को खारिज किया है.
सोनम वांगचुक को 24 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें Rajasthan के जोधपुर जेल में रखा गया है. उनकी गिरफ्तारी लद्दाख के लेह में हुई हिंसक घटनाओं के बाद हुई थी.
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एएसएच/वीसी