जापान में आम चुनाव से पहले लोगों की पहली पसंद बनी एलडीपी, सर्वे में खुलासा

टोक्यो, 14 अक्टूबर . जापान में 27 अक्टूबर को आम चुनाव के लिए वोटिंग होनी है, उससे पहले ही एक सर्वे सामने आया है. इसके मुताबिक, जापान की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) जापानी मतदाताओं के बीच सबसे लोकप्रिय विकल्प बनकर उभरी है. जापान के एक स्थानीय मीडिया हाउस ने आम चुनाव से पहले यह सर्वे किया है.

क्योडो न्यूज के एक राष्ट्रव्यापी टेलीफोन सर्वे में 26.4 प्रतिशत मतदाताओं ने बताया कि वह प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के नेतृत्व वाली एलडीपी को वोट दे सकते हैं.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने क्योडो न्यूज के हवाले से बताया कि 12.4 प्रतिशत मतदाता मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी को अपना वोट दे सकते हैं. इसके अलावा एलडीपी के गठबंधन सहयोगी कोमिटो को 6.4 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिल सकता है. वहीं, सर्वे में शामिल 33.2 प्रतिशत लोगों ने अपने वोट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी.

स्लश फंड घोटालों में चौतरफा आलोचना का सामना कर रही एलडीपी इशिबा के नेतृत्व में अपनी छवि को सुधारने में जुटी है. 65.2 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि वे अपने वोट डालने के दौरान स्लश फंड घोटाले के बारे में विचार करेंगे, 32.2 प्रतिशत ने संकेत दिया कि यह मामला उनके फैसले को प्रभावित नहीं करेगा.

इशिबा के मंत्रिमंडल को 42 प्रतिशत रेटिंग मिली है, जबकि अस्वीकृति दर 36.7 प्रतिशत रही.

सर्वे के मुताबिक, सिंगल सीट वाले जिलों में 46.6 प्रतिशत मतदाताओं ने अभी तक कुछ तय नहीं किया है, जबकि 28.5 प्रतिशत मतदाता ऐसे भी हैं, जो एलडीपी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर सकते हैं. वहीं, 22.9 प्रतिशत मतदाता विपक्षी उम्मीदवारों के लिए वोट कर सकते हैं.

सर्वे के अनुसार, 50.7 प्रतिशत मतदाताओं ने सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के बीच समान रूप से विभाजित संसद को प्राथमिकता दी. 27.1 प्रतिशत मतदाता चाहते हैं कि सत्तारूढ़ दल की सरकार बरकरार रहे. इसके अलावा 15.1 प्रतिशत मतदाताओं ने सत्ता में उलटफेर की संभावना जताई है.

मतदाताओं के फैसलों पर असर डालने वाले मुख्य मुद्दे अर्थव्यवस्था, रोजगार और मुद्रास्फीति रहे, जिनका ज़िक्र 57.0 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने किया. पेंशन और सामाजिक सुरक्षा 38.4 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहे, जबकि राजनीतिक फंडिंग घोटाले 14.4 प्रतिशत के लिए चिंता का विषय थे.

एफएम/एमके