गया, 27 जुलाई . लोक जनशक्ति (रामविलास) पार्टी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए हैं. इस पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि 2005 से पहले जंगलराज था.
जीतन राम मांझी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हमें पहले का समय भी याद रखना चाहिए और बिहार के हालात भी. पहले प्रदेश में कई तरह की दुश्वारियां थी, लोगों को बेवजह पीटा जाता था, जमीनें हड़प ली जाती थी. यहां तक कि अदालत ने भी उस दौर को ‘जंगल राज’ बताया था. मौजूदा समय में बिहार में कोई जातिगत और धार्मिक उन्माद को लेकर झगड़ा नहीं हुआ है. बिहार में कानून व्यवस्था बहुत अच्छी है. जो भी घटनाएं घटी हैं, उस पर तुरंत कार्रवाई की गई और अपराधी को पकड़ लिया गया या एनकाउंटर कर दिया गया. आज प्रदेश विकास कर रहा है, विपक्षी दलों के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है.
उन्होंने कहा कि चिराग पासवान जिस समूह की बात करते हैं, उनकी आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति क्या है? अगर वह नहीं जानते तो बताना चाहूंगा कि सामान्य तौर पर बिहार की साक्षरता दर 80 प्रतिशत है. अनुसूचित जाति की साक्षरता दर करीब 33 प्रतिशत है. Supreme court ने आदेश दिया है कि अनुसूचित जाति में वर्गीकरण होना चाहिए. चिराग पासवान 48 की उम्र में मालपुआ खाएं हैं तो क्या आगे भी खाते रहें और दूसरा भीख मांगते रहे.
वहीं, मंत्री हरि सहनी ने चिराग पासवान के बयान पर कहा कि मैं उनके दर्द के साथ हूं, लेकिन हमको यह भी याद रखना चाहिए कि पहले और आज में बहुत अंतर है. पहले अपराधी बच जाते थे, लेकिन आज कोई भी अपराधी अपराध करके बच नहीं सकता. पहले के समय में बड़ी घटना होने पर केस तक दर्ज नहीं किया जाता था. ‘मन की बात’ कार्यक्रम देश ही नहीं, दुनिया का विलक्षण कार्यक्रम है. पहले जो लोग निरक्षर रहते थे उनकी बात दुनिया के पटल पर नहीं आ पाती थी. आज प्रधानमंत्री उनके काम को सराहते हैं, जो वैश्विक पटल पर दिखते हैं.
जेडीयू विधायक डॉ. संजीव कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश में अपराध जरूर हो रहे हैं, लेकिन अपराधियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने सलाह दिया कि सरकार को योगी मॉडल अपनाना चाहिए.
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एएसएच/एबीएम