Bhopal 25 अक्टूबर Madhya Pradesh की व्यापारिक नगरी इंदौर में क्रिकेट मैच खेलने के लिए आई ऑस्ट्रेलिया टीम की महिला खिलाड़ी के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना की कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने निंदा की है और उन्होंने इसे राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था का नमूना भी बताया है.
दरअसल, इंदौर में आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 में भाग लेने आई ऑस्ट्रेलिया टीम की महिला खिलाड़ी के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई. इस घटना के आरोपी को Police ने गिरफ्तार कर लिया है. Madhya Pradesh कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि इस घटना में एक मोटरसाइकिल सवार अज्ञात व्यक्ति ने खिलाड़ियों का पीछा किया और एक महिला क्रिकेटर के साथ छेड़छाड़ की कोशिश की, जो न सिर्फ व्यक्तिगत अपमान है बल्कि पूरे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर करारा प्रहार है. यह घटना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर Madhya Pradesh और India की छवि को धूमिल करने वाली है, खासकर जब विश्व कप जैसे वैश्विक आयोजन के दौरान ऐसी लापरवाही हो रही हो.
उन्होंने आगे कहा कि जो घटना हुई है, वह हम सभी के लिए शर्मनाक है. Madhya Pradesh में अब कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है. Chief Minister को इस घटना का संज्ञान लेना चाहिए, आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और दोषियों को दंडित करना चाहिए.
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पहली घटना नहीं है. राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है, लेकिन Government की उदासीनता के कारण अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं. इंदौर जैसे बड़े शहर में, जहां पर्यटकों और अंतरराष्ट्रीय मेहमानों की आवाजाही अधिक होती है, Police की निगरानी और पेट्रोलिंग की कमी ने इस तरह की घटनाओं को जन्म दिया है.
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष पटवारी ने Chief Minister मोहन यादव से मांग की है कि एक उच्चस्तरीय जांच समिति गठित करें, जिसमें स्थानीय Police अधिकारियों की भूमिका की भी जांच हो. साथ ही, उन्होंने मांग की कि राज्य Government महिला सुरक्षा के लिए Police बल को प्रशिक्षित करे और रात्रिकालीन गश्त को मजबूत करे. यह केवल एक घटना नहीं, बल्कि सिस्टम की नाकामी का प्रतीक है.
Madhya Pradesh कांग्रेस ने इस घटना को राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था का आईना बताते हुए कहा कि भाजपा Government के शासनकाल में अपराध दर में वृद्धि हुई है. आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं पर अत्याचार के मामले दोगुने हो चुके हैं, लेकिन दोषसिद्धि दर न्यूनतम है.
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एसएनपी/डीकेपी