‘स्व. मुलायम सिंह को भी कष्ट हो रहा होगा’, सपा-कांग्रेस के गठजोड़ पर सीएम योगी का तंज

मैनपुरी/कानपुर, 10 नवंबर . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करहल में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका आचरण अपने पिता और सपा संस्थापक स्व. मुलायम सिंह यादव की भावनाओं के विरुद्ध है.

मुख्यमंत्री शनिवार को मैनपुरी के करहल और सीसामऊ में एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, “अखिलेश यादव की सपा कांग्रेस की गोदी में खेल रही है. स्व. मुलायम सिंह यादव को भी कष्ट हो रहा होगा कि उनका सपूत सपा को कांग्रेस के पास गिरवी रखकर पार्टी का सत्यानाश करने पर उतारू है.”

इस दौरान उन्होंने सपा घेरा और कहा कि कांग्रेस ने इमरजेंसी में नेताजी को बंद किया था. नेताजी हमेशा कांग्रेस का विरोध करते थे. वह कहते थे कि धोखे से भी इसके साथ नहीं रहना है. लेकिन सपा अब नेताजी के मूल्यों-आदर्शों से खुद को दूर कर चुकी है.

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की प्रवृत्ति होती है, जो जिंदगी भर उनके साथ जुड़ जाती है. “बबुआ अभी बालिग नहीं हुआ है”, इसलिए कभी-कभी ऐसा काम कर देता है, जिससे मैनपुरी वालों के सामने भी संकट खड़ा हो जाता है.

सीएम ने कहा कि मुलायम सिंह ने राम मनोहर लोहिया को आदर्श बनाया था. डॉ. लोहिया ने कहा था कि सच्चा समाजवादी वह है, जो संपत्ति व संतति का मोह न करे, फिर भी सपा में सारा पद एक ही परिवार को चाहिए.

सीएम योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी “रामद्रोही” है. वे राम मंदिर का दर्शन करने नहीं गए, क्योंकि उन्हें लगता था कि वोट बैंक खिसक जाएगा. करहल वासी उनसे कहें कि आप कृष्ण-कन्हैया का सम्मान नहीं कर सकते तो हमारा वोट लेने क्यों आते हैं. हम आपसे बाय-बाय करते हैं. भाजपा ने कहा था कि ‘रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’. हमने करके दिखा दिया. श्रीकृष्ण-कन्हैया हम आएंगे, मथुरा में भी जनभावना का सम्मान कराएंगे, क्या सपा इस पर सहमत है? क्या समाजवादी पार्टी मथुरा-वृंदावन को लेकर सरकार की सोच का समर्थन करेगी?

योगी आदित्यनाथ ने कहा, “उन्हें वोट चाहिए, लेकिन कृष्ण-कन्हैया का सम्मान नहीं. वे इस पर मौन हैं. सरकार मथुरा, गोकुल, बरसाना, बलदेव, वृंदावन तीर्थों का विकास कर रही है. लगता है मथुरा-वृंदावन पांच हजार साल पहले के कालखंड में जा चुका है, जब कन्हैया स्वयं वहां निवास करते थे.”

सीएम योगी ने पूछा कि राजू पाल-उमेश पाल की हत्या होती है तो सपा क्यों मौन रहती है? उमेश पाल की सुरक्षा में लगे निषाद जवान का क्या दोष था. यह लोग अपनी प्रवृत्ति से बाज नहीं आने वाले हैं. यह माफिया और अपराधी प्रवृत्ति के तत्वों और दंगाइयों को गले लगाकर प्रदेश को दंगे की आग में झोंकने का प्रयास करते हैं. कानपुर का दंगाई जेल की सलाखों के पीछे है. दलितों और वाल्मीकि समुदाय की जमीन पर कब्जा करने वाला सपा सरकार का पूर्व मंत्री रामपुर जेल में है. सपा उसे निर्दोष मानती है.

मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रयागराज हो या गाजीपुर के माफिया, सपा निर्दोष नागरिकों पर संवेदना नहीं व्यक्त करती, लेकिन माफिया के यहां फातिहा पढ़ने चले जाते हैं. सन् 1984 में सिख बंधुओं के साथ जिस निर्ममता के साथ बर्बर अत्याचार किया था, यह कांग्रेस के चेहरे को दिखाता है. सपा-बसपा और कांग्रेस एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं.”

उन्होंने कहा कि कानपुर मेट्रो में 12 से 15 हजार यात्री यात्रा करते हैं. जनवरी में इसका दूसरा सेक्शन खुलेगा तो प्रतिदिन 50 हजार लोग इसमें यात्रा करेंगे.

विकेटी/एकेजे