जम्मू कश्मीर : उधमपुर में एनएच-44 पर यातायात बहाल, भूस्खलन के कारण टूटा था हाईवे का बड़ा हिस्सा

उधमपुर, 10 सितंबर . जम्मू-कश्मीर के उधमपुर और आसपास के क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण बाधित रहे एनएच-44 पर यातायात को सफलतापूर्वक बहाल कर दिया गया है.

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने बताया कि भूस्खलन के बाद से ही अधिकारी और सैकड़ों श्रमिक लगातार बारिश, कीचड़ और बार-बार होने वाले व्यवधानों के बीच बिना रुके काम में जुटे रहे. कठिन चुनौतियों के बावजूद, टीम मौके पर डटी रही.

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने एक social media पोस्ट में बताया कि जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में थर्ड और जखेनी के समीप एनएच-44 के एक अत्यंत संवेदनशील हिस्से को साफ करने के लिए तत्परता से कार्रवाई की गई. यह कदम उस समय उठाया गया, जब लगभग 550×300 मीटर क्षेत्र में भारी भूस्खलन हुआ, जिससे यह राष्ट्रीय राजमार्ग प्रभावित हुआ.

एनएचएआई ने बताया कि रुक-रुक कर हो रही भारी बारिश के कारण काम प्रभावित हुआ था. 7 सितंबर से युद्धस्तर पर काम फिर से शुरू करके 300 मीटर डायवर्जन रोड का निर्माण किया गया और Wednesday को एनएच-44 पर यातायात बहाल कर दिया गया है.

इससे पहले, केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर और आसपास के क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण उत्पन्न स्थिति पर ताजा जानकारी शेयर की. उन्होंने बताया कि वर्तमान में मौसम साफ है और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की टीमें थर्ड और बल्ली नाले में राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए अवरोध को हटाने में जुटी हैं.

उन्होंने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “अभी मौसम साफ है, एनएचएआई के अधिकारी काम पर लगे हुए हैं और पूरी उम्मीद है कि Wednesday को थर्ड और बल्ली नाले पर राष्ट्रीय राजमार्ग की रुकावटें दूर हो जाएंगी.”

अपने पोस्ट में केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रतिकूल मौसम के कारण Tuesday को मुंगरी क्षेत्र के लाली में जरूरी वस्तुओं की हवाई आपूर्ति नहीं हो सकी, लेकिन Wednesday को सुबह-सुबह ही यह काम पूरा कर लिया गया.

उन्होंने आगे लिखा, “Wednesday सुबह कस्तूरी लाल समेत लाटी के स्थानीय प्रतिनिधियों ने जरूरी आपूर्ति के लिए अनुरोध किया था, जो Tuesday रात बुप्प में हुए भारी भूस्खलन के कारण सड़क बह जाने के कारण बाधित हो गई थी. मरम्मत का काम शुरू हो गया है और जरूरी वस्तुओं की आवश्यकता को भी पूरा किया जाएगा.”

डीसीएच/एबीएम