धर्मशाला, 20 दिसंबर . हिमाचल प्रदेश सरकार ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास समेत अन्य धार्मिक संस्थाओं को लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन कर छूट देने का रास्ता साफ कर दिया है. विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान लैंड सीलिंग एक्ट संशोधन बिल पास हो गया है. हालांकि, विपक्ष इसे सिलेक्ट कमेटी को भेजने की वकालत कर रहा था.
लैंड सीलिंग एक्ट संशोधन बिल पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रतिक्रिया दी. जयराम ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि इस बिल के संदर्भ में हमने विधानसभा के सत्र में सदन में जो बात रखी है उस पर हम कायम हैं. धार्मिक संस्था का हम सम्मान करते हैं. संस्था के लिए सदन के अंदर जो संशोधन किया गया है, उसका हमने विरोध नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जिस तरह से शब्दों इस्तेमाल कर रहे हैं उससे ऐसा लग रहा है कि वे राजनीतिक लाभ अधिक लेने की कोशिश कर रहे हैं.
हमने सिर्फ इतनी बात कही है कि एक संस्था को लाभ देने के साथ-साथ कहीं ऐसी अन्य चीजें साथ में ना साथ जाएं, जो संस्थाएं चैरिटी की बात तो करती हैं, लेकिन चैरिटी के नाम पर कम बहुत ज्यादा नहीं होता है. वह भी अगर जमीन इस प्रकार से बेचने लग जाएं तो स्वाभाविक रूप से वह इस अमेंडमेंट (संशोधन) के इस एक्ट की स्पिरिट के खिलाफ जाता है. इसलिए हमने केवल एक ही बात कही कि हमारे लिए सबसे ऊपर प्रदेश हित है. प्रदेश हित की इस बात को लेकर हमने कहा है कि जल्दबाजी मत करिए सिलेक्ट कमेटी को इस बिल को दीजिए. सिलेक्ट कमेटी में अगर यह जाता है तो हम इसके और भी कुछ रास्ते निकाल सकते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि जब चर्चा होती है और भी कुछ रास्ते निकाल सकते हैं. उसके बावजूद मुख्यमंत्री ऐसे कर रहे थे कि जैसे कि राधा स्वामी सत्संग के लिए उस जमीन के एक्ट के अमेंडमेंट के साथ सत्संग पूरा ही उनके नाम हो जाएगा. संस्था की मदद करने का है, उसका जिक्र इस तरह से करने की जरूरत नहीं है कि जैसे आपने पूरी संस्था ही खरीद ली है.
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