लक्ष्मण, अवध आगमन और क्षीरसागर पथ, अयोध्या धाम को मिलेगी तीन नए पथों की सौगात

नई दिल्ली, 18 फरवरी . अयोध्या धाम में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से यहां प्रभु श्रीराम के दर्शन और पूजन के लिए प्रतिदिन लाखों की तादाद में श्रद्धालु आ रहे हैं. ऐसे में अयोध्या की सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव भी बढ़ा है. कई बार जाम की स्थिति भी देखने को मिल रही है. इस समस्या से श्रद्धालुओं को निजात दिलाने व अयोध्या आने वाले हर रामभक्त को आसानी से रामलला का दर्शन हो सके, इसके लिए योगी सरकार ने तीन और नए पथों की सौगात अयोध्या धाम को देने की योजना बनाई है.

बता दें कि योगी सरकार ने पहले से ही चार नए पथों का निर्माण अयोध्या धाम में कराया है, फिर भी श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए अब तीन और नए पथों के निर्माण का निर्णय लिया गया है. बनाए जाने वाले तीनो पथों की लंबाई लगभग 7.40 किलोमीटर रहेगी. ये तीन पथ, जिनके नाम लक्ष्मण, अवध आगमन और क्षीरसागर पथ होंगे, के निर्माण पर 29937.50 लाख रुपये योगी सरकार खर्च करेगी.

अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं को जाम के झाम से न जूझना पड़े इसके लिए तीन नए पथों का निर्माण जल्‍द ही शुरू किया जाएगा. इन तीन पथों में से पहला लक्ष्मण पथ की लंबाई 6.70 किमी होगी. इसके निर्माण पर 26222.65 लाख रुपये की लागत आएगी. यह गुप्तार घाट से राजघाट तक फोरलेन बनाया जाएगा. दूसरे बनने वाले पथ को अवध आगमन पथ का नाम दिया गया है. यह क्षीरसागर पथ से रामपथ तक 0.30 किमी लंबा बनाया जाएगा. इस पथ के निर्माण पर 1689.32 लाख रुपये की लागत आएगी. वहीं अयोध्या में बनने वाले तीसरे पथ को क्षीरसागर पथ का नाम दिया गया है. इसकी लंबाई 0.400 किमी रहेगी. इसके निर्माण पर 2025.53 लाख रुपये की लागत आएगी.

नए बनने वाले इन तीनों पथों के निर्माण का दायित्व लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड को सौंपा गया है. अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही योगी सरकार ने आने वाली भीड़ का अनुमान लगाते हुए सहादतगंज से नयाघाट तक लगभग 13 किमी लंबा फोर लेन रामपथ, बिड़ला धर्मशाला से रामजन्म भूमि तक 0.566 मीटर लंबा जन्मभूमि पथ, श्रृंगार हाट से हनुमानगढ़ी तक 0.742 मीटर लंबा भक्ति पथ व लता मंगेशकर चौक से लखनऊ-गोरखपुर हाईवे तक फोर लेन धर्म पथ का निर्माण कराया गया है. फिर भी जिस प्रकार श्रद्धालुओं की भीड़ अयोध्या पहुंच रही है, उसे देखते हुए तीन नए पथों का अयोध्या में निर्माण कराए जाने का निर्णय लिया गया है.

जीकेटी/एसजीके