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नोएडा, 4 नवंबर . जनपद गौतमबुद्ध नगर में किशोर श्रमिकों की नियुक्ति को लेकर श्रम विभाग ने सख्त रुख अपनाया है. श्रम अधिनियमों के उल्लंघन और किशोरों से काम करवाए जाने की शिकायतों के बाद विभाग की टीम ने सेक्टर–159 स्थित निर्माणाधीन प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान दो कंपनियों में नाबालिग श्रमिक कार्यरत पाए जाने पर विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए नोटिस जारी किए.
उप श्रमायुक्त गौतमबुद्ध नगर राकेश द्विवेदी के निर्देश पर सहायक श्रमायुक्त सुयश पाण्डेय, डॉ. एस. पी. सिंह तथा श्रम प्रवर्तन अधिकारियों की संयुक्त टीम ने सेक्टर–159 स्थित दो कंपनियों के निर्माणाधीन स्थलों पर जांच की. निरीक्षण के दौरान एक कंपनी के स्थल पर 4 किशोर श्रमिक और दूसरी कंपनी के स्थल पर 1 किशोर श्रमिक कार्यरत पाया गया, जो किशोर न्याय अधिनियम और बाल श्रम निषेध कानून का उल्लंघन है.
इसके अलावा, दोनों प्रतिष्ठानों में कार्यरत श्रमिकों का भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड में पंजीकरण भी नहीं मिला. श्रम विभाग के अनुसार, निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों का पंजीकरण अनिवार्य होता है, ताकि उन्हें सुरक्षा उपकरण, स्वास्थ्य सुविधा, बीमा और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिल सके. पंजीकरण न होने को विभाग ने गंभीर लापरवाही माना.
निरीक्षण टीम ने इस आधार पर दोनों कंपनियों को आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने, श्रमिकों का तत्काल पंजीकरण कराने और किशोर श्रमिकों को मुक्त करने के निर्देश दिए. नियमों की अवहेलना जारी रहने पर प्रतिष्ठानों पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है.
विभागीय सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में डीएम और श्रम विभाग के संयुक्त अभियान के तहत जिले में और भी निरीक्षण किए जाएंगे. श्रम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बच्चों से श्रम कराना कानूनन अपराध है और इस पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई जा रही है.
श्रम विभाग ने यह भी अपील की कि यदि कोई व्यक्ति निर्माण स्थलों, दुकानों, फैक्ट्रियों या कमर्शियल प्रतिष्ठानों में नाबालिग से काम कराए जाने की जानकारी रखता है तो विभाग को सूचित कर सकता है. शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी.
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पीकेटी/डीकेपी