बेरूत, 24 जनवरी . कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के महासचिव जसीम मोहम्मद अलबुदैवी ने शुक्रवार को लेबनान का दौरा किया.
इस दौरे का उद्देश्य लेबनान और खाड़ी देशों के बीच रिश्तों को मजबूत करना और लेबनान की आर्थिक समस्याओं का समाधान ढूंढने में मदद करना था.
कुवैत के विदेश मंत्री अल-याह्या ने लेबनान के राष्ट्रपति मिशेल औन से बेरूत के बाबदा पैलेस में मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कुवैत की तरफ से लेबनान की मदद करने की प्रतिबद्धता को दोहराया और लेबनान के सामने बढ़ी हुई चुनौतियों का सामना करने के लिए संयुक्त समितियों को फिर से सक्रिय करने की अपील की.
अलबुदैवी ने इस दौरान यह भी बताया कि यह दौरा जीसीसी के एक असाधारण सत्र के बाद हुआ है, जिसका उद्देश्य लेबनान और सीरिया में हो रहे संकटों का समाधान ढूंढना था. उन्होंने जीसीसी द्वारा लेबनान की संप्रभुता का समर्थन करने के महत्व पर जोर दिया और क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की जरूरत को भी रेखांकित किया.
अलबुदैवी ने लेबनान की आर्थिक सुधार प्रक्रिया के लिए खाड़ी देशों द्वारा समर्थित विकास पहल की योजना भी प्रस्तुत की, जो प्रमुख सुधारों की योजना पर आधारित है.
राष्ट्रपति औन ने कुवैत और जीसीसी से मिले समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने अरब एकता के महत्व को स्वीकार करते हुए कहा कि लेबनान अपने खाड़ी पड़ोसियों के साथ रिश्तों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है.
यह यात्रा सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान अल सऊद की ऐतिहासिक यात्रा के बाद हुई है, जो 15 वर्षों में पहली बार हुई थी. इस तरह की कूटनीतिक मुलाकातें लेबनान के खाड़ी देशों के साथ रिश्तों को सुधारने के प्रयासों को दर्शाती हैं, क्योंकि यह देश राजनीतिक संकट और आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है.
लेबनान ने हाल ही में 9 जनवरी को राष्ट्रपति के पद पर मिशेल औन को नियुक्त किया, जिससे देश में लगभग दो वर्षों से खाली पड़ा राष्ट्रपति पद भरा गया. इसके बाद, 13 जनवरी को औन ने लेबनान के प्रधानमंत्री के रूप में सलाम को नियुक्त किया. इस घटनाक्रम को हिज़्बुल्लाह के प्रभाव में कमी और देश में राजनीतिक बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है.
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पीएसएम/