कुणाल कामरा को कोर्ट से राहत, नहीं होगी गिरफ्तारी

मुंबई, 25 अप्रैल . महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नाम लिए बगैर उन पर की गई टिप्पणी मामले में स्टैंड-अप कमीडियन कुणाल कामरा को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत मिली है. कोर्ट ने कामरा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई पुलिस को आदेश दिया कि उनके ‘गद्दार’ कमेंट को लेकर उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर मामले में गिरफ्तार न किया जाए.

इसके साथ ही कोर्ट से मुंबई पुलिस को चेन्नई में कुणाल कामरा से पूछताछ की अनुमति भी मिली है. अब मुंबई पुलिस चेन्नई जाकर स्थानीय पुलिस की मदद से कामरा का बयान दर्ज करेगी.

जस्टिस सारंग कोतवाल और एसएम मोदक की बेंच ने ये आदेश सुनाया है. बेंच ने कहा कि खार में दर्ज मामले में याचिकाकर्ता को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. मामले की जांच जारी रह सकती है. जांच एजेंसी कामरा का बयान चेन्नई में स्थानीय पुलिस की सहायता से पूरी कर सकती है.

इससे पहले 8 अप्रैल को कामरा के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली उनकी याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुनवाई की थी. हाई कोर्ट ने कुणाल को 16 अप्रैल तक संरक्षण प्रदान किया और सभी सरकारी पक्ष से नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा था.

कामरा ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जीवन के अधिकार के मौलिक अधिकार के आधार पर उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी.

बता दें, मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में कुणाल कामरा के खिलाफ तीन अलग-अलग मामले दर्ज हैं. इन तीनों मामलों में महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों से जीरो एफआईआर के तहत शिकायतें मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर की गई हैं. यह एफआईआर बुलढाना, नासिक और ठाणे जिलों से दर्ज की गई थीं और अब इनकी जांच मुंबई के खार पुलिस स्टेशन द्वारा की जा रही है.

मुंबई पुलिस के अनुसार कामरा पर आरोप है कि उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इस संबंध में कुणाल कामरा को तीन बार पूछताछ के लिए बुलाया गया, लेकिन वह पुलिस स्टेशन में उपस्थित नहीं हुए. खार पुलिस हैबिटेट स्टूडियो से जुड़े कई लोगों से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज कर चुकी है. मामले से जुड़े अन्य लोगों से पूछताछ जारी है.

एमटी/केआर