कोलकाता, 12 अगस्त . पश्चिम बंगाल की Chief Minister ममता बनर्जी ने दुर्गा पूजा के लिए सरकारी अनुदान की घोषणा की है. सीएम ममता बनर्जी के इस कदम पर भाजपा का कहना है कि वो 2026 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अपने को हिंदुत्ववादी साबित करना चाहती हैं. भाजपा के इन आरोपों का जवाब टीएमसी नेता कुणाल घोष ने दिया.
भाजपा के इन आरोपों का जवाब देते हुए टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं है, बंगाल में दुर्गा पूजा लंबे समय से होती आ रही है, सीएम ममता बनर्जी दुर्गा पूजा में शामिल सभी समितियों की मदद कर रही हैं. मेरा मानना है कि यह एक अच्छा और सराहनीय कदम है.
उन्होंने आगे कहा कि अमित शाह ने 2021 में बंगाल में दुर्गा पूजा शुरू की, फिर दो साल तक पूजा बंद रही, इस साल बीजेपी फिर से दुर्गा पूजा करने जा रही है, क्या बीजेपी खुद को बंगाली साबित कर रही है? बीजेपी ने पूजा शुरू की, रोकी और फिर से शुरू करने जा रही है, वो घर किराए पर लेकर पूजा करने जा रहे हैं, वो ऐसा क्यों कर रहे हैं. बंगाल में इतनी सारी पूजाएं होती है, भाजपा का इनसे कोई लेना-देना नहीं है.
चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यदि आप बिहार के परिणामों को देखें, तो एक बार एक कुत्ते का नाम ‘कुत्ता’ लिखा गया था, एक बार ‘ट्रैक्टर’ और एक बार ‘डोनाल्ड ट्रंप’ का नाम मतादाता सूची में छपा हुआ सामने आया था. हमारी पार्टी का साफतौर पर मानना है कि एक भी मतदाता का उत्पीड़न नहीं होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि देश में सबसे पहले ममता बनर्जी ने इस मतदाता सूची घोटाले के खिलाफ आवाज उठाई थी. महाराष्ट्र और दिल्ली में यही हुआ. ममता बनर्जी ने इसे पकड़ा. टीएमसी मतदाता सूची की गंभीरता से जांच कर रही है. अगर महाराष्ट्र और दिल्ली की भाजपा विरोधी पार्टियां इसे पहले पहचान लेती तो शायद परिणाम विपरीत होते.
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एकेएस/जीकेटी