केटीआर ने उठाया ईंधन की कीमतों का मुद्दा, बीजेपी ने किया पलटवार

हैदराबाद, 3 अप्रैल . भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तेलंगाना इकाई ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव पर पलटवार किया है. रामा राव ने कच्चे तेल की कीमत में गिरावट के बावजूद पिछले एक दशक के दौरान पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया था.

बीजेपी ने आरोप लगाया कि केटीआर ने देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर गलत सूचना फैलाई.

2 अप्रैल 2014 और 2 अप्रैल 2024 को पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर बीआरएस नेता की पोस्ट को लेकर बुधवार को एक्स पर जुबानी जंग छिड़ गई.

उन्होंने पूछा, “प्रत्येक भारतीय को इस बारे में सोचने की जरूरत है. 2014 के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 20 डॉलर प्रति बैरल की कमी आई, लेकिन उसी दशक में पेट्रोल की कीमत 35 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 40 रुपये प्रति लीटर बढ़ गई! इसके लिए कौन जिम्मेदार है? आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए?”

केटीआर ने आगे उन लोगों के लिए एक टिप्पणी की जो तर्क देते हैं कि रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है, इसलिए ईंधन की कीमतें बढ़ गई हैं.

उन्होंने रुपये के अवमूल्यन पर पीएम मोदी के एक पुराने ट्वीट का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया.

गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में पीएम मोदी ने कहा था कि रुपये की ताकत कमजोर हो रही है, दिल्ली में बैठे लोग भ्रष्टाचार में व्यस्त हैं.

केटीआर की पोस्ट पर बीजेपी ने करारा जवाब दिया है.

बीजेपी ने कहा, “केटीआर गारू, बीआरएस के वंशज, देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर दुर्भावनापूर्ण या गलत सूचना देते समय लगता है आप किसी दबाव में हैं. शायद केटीआर दिल्ली शराब घोटाले के खुलासे से जूझ रहे हैं, जिसमें उनकी पार्टी की मिलीभगत उजागर हुई है और ईडी ने उनकी बहन (के. कविता) को गिरफ्तार किया है. देश के लोग तथ्यों को जानते हैं, समझते हैं. उन्होंने बार-बार पीएम मोदी पर अपना विश्वास जताया है.”

बीजेपी ने आगे कहा, “केंद्र सरकार ने नवंबर 2021 में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमशः 5 रुपये प्रति लीटर और 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी. मई 2022 में, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमशः 8 रुपये प्रति लीटर और 6 रुपये प्रति लीटर कटौती की गई. आखिरी बार पिछले महीने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई.”

“इसके बिल्कुल विपरीत, केटीआर की पार्टी ने तेलंगाना में पेट्रोल और डीजल पर देश में सबसे अधिक वैट लगाया जो क्रमशः 35.2 प्रतिशत और 27 प्रतिशत था.”

उन्होंने कहा, ”तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों की तुलना करें तो घोर कुप्रबंधन और आम जनता के दर्द के प्रति असंवेदनशीलता की तस्वीर सामने आती है.

“28 मार्च, 2024 तक उत्तर प्रदेश में पेट्रोल और डीजल तेलंगाना की तुलना में क्रमशः 13 रुपये और 8 रुपये प्रति लीटर सस्ता था.”

बीजेपी की तेलंगाना इकाई ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “केवल केटीआर की पार्टी के शासन के तहत तेलंगाना कर्ज में डूबा और राजकोषीय रूप से कुप्रबंधित राज्य को ही पेट्रोलियम उत्पादों पर इतना अधिक कर लगाने की जरूरत पड़ी, जिससे मुद्रास्फीति बढ़ी.”

एसएचके/