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हैदराबाद, 16 नवंबर . India राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने राज्य में जारी गंभीर कपास खरीद संकट को लेकर केंद्र और तेलंगाना Government पर लापरवाही का आरोप लगाया. केटी रामा राव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि साल भर कड़ी मेहनत करने वाले लाखों कपास किसान अब अपनी उपज नहीं बेच पा रहे हैं, जबकि दोनों Governmentें नींद में सो रही हैं.
उन्होंने किसानों की समस्या के समाधान के लिए केंद्र से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की. उन्होंने केंद्र Government और तेलंगाना Government दोनों पर मिलकर कृषक समुदाय को निराश करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि इस साल लगभग 50 लाख एकड़ में कपास की खेती होने के बावजूद Government ने न तो इस संकट के प्रति तत्परता और न ही संवेदनशीलता दिखाई.
केटीआर ने बताया कि Chief Minister रेवंत रेड्डी कई बार दिल्ली आए हैं, लेकिन उन्होंने कपास के मुद्दे को सार्थक ढंग से नहीं उठाया. इसी तरह, कांग्रेस और भाजपा दोनों के सांसद कथित तौर पर केंद्र पर दबाव बनाने में विफल रहे हैं. केटीआर ने कहा कि जिस Government को किसानों के साथ खड़ा होना चाहिए, वह असहाय होकर देख रही है.
उन्होंने नमी की मात्रा, कपास मोबाइल ऐप पंजीकरण संबंधी समस्याओं और जिनिंग मिलों, उनकी ग्रेडिंग में भ्रष्टाचार के आरोपों के आधार पर कपास खरीदने से इनकार करने के लिए भारतीय कपास निगम (सीसीआई) की आलोचना की.
केटीआर ने कहा कि इन बाधाओं के कारण, किसानों को 8,110 रुपए प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी नहीं मिल रहा है, जबकि खुला बाजार केवल 6,000-7,000 रुपए ही दे रहा है, जिससे लगभग 2,000 रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा है.
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि सीसीआई ने अब तक केवल 1.12 लाख टन ही खरीदा है. यह इस सीजन के अनुमानित 28.29 लाख टन की तुलना में चिंताजनक रूप से कम है, जिसे खरीद संकट के गहराने का स्पष्ट प्रमाण बताया.
उन्होंने मांग की कि तेलंगाना Government तुरंत एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली भेजे और केंद्र Government पर दबाव बनाने के लिए एक कार्ययोजना शुरू करे. उन्होंने याद दिलाया कि पिछले संकटों के दौरान तत्कालीन Chief Minister ने किसानों को राहत दिलाने के लिए व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप किया था.
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एएसएच/वीसी