रोहतक, 5 जनवरी . भारतीय क्रिकेट टीम को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में 1-3 से करारी हार मिली है. इस हार पर कई पूर्व क्रिकेटरों और विशेषज्ञों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं. रोहतक से भारत के पूर्व रणजी क्रिकेटर कृष्ण मूर्ति हुड्डा ने इस हार के लिए सीनियर खिलाड़ियों को जिम्मेदार ठहराया है. हुड्डा का कहना है कि अब समय आ गया है जब टीम इंडिया में ऊर्जा से भरपूर युवा खिलाड़ियों को मौके दिए जाएं.
कृष्ण मूर्ति हुड्डा ने 10 वर्ष पंजाब और बाद में हरियाणा की तरफ से फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला है. उनको बीसीसीआई से 30 हजार रुपये महीना पेंशन भी मिलती है. हुड्डा ने से बात करते हुए कहा, “भारतीय क्रिकेट टीम आज की तारीख में दुनिया में सबसे बेहतरीन टीम है. लेकिन बड़ा दुख है कि इस टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. इसका कारण रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दो शीर्ष खिलाड़ियों की नाकामी है. मैं बीसीसीआई सचिव जय शाह से अपील करता हूं कि ऐसे लोगों को तुरंत टीम से बाहर कर दिया जाए जिनके रिफ्लेक्स बहुत कमजोर हो गए हैं. जिनकी उम्र बढ़ती जा रही है. हमें अपनी टीम में 35 से 40 साल तक की उम्र के लोगों को नहीं रखना चाहिए क्योंकि देश में बहुत प्रतिभा मौजूद है.”
हुड्डा ने कहा कि भारत में क्रिकेट एक पर्व की तरह से है. हम दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग आईपीएल के आयोजक हैं. हमारे पास प्रतिभा का इतना बड़ा पूल मौजूद है कि आज हमारी दो टीमें भी पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों का मुकाबला कर सकती हैं. इसलिए मैं बीसीसीआई सचिव जय शाह से कहना चाहता हूं कि जो लोग परफॉर्म न करें, जिनका प्रदर्शन खराब हो, जिनका लगातार बैड लक हो रहा हो, ऐसे लोगों को बाहर कर देना चाहिए और नए लड़के जो इस समय टेस्ट क्रिकेट के दरवाजे पर खड़े हैं उनको लेकर आना चाहिए.
हुड्डा ने बताया कि कप्तान रोहित शर्मा में अब पहले वाली बात नहीं रही. वह कभी बहुत अच्छे खिलाड़ी हुआ करते थे. इसलिए रोहित शर्मा की इस टीम में कोई जगह नहीं बनती है. वहीं, जसप्रीत बुमराह बहुत शानदार खिलाड़ी हैं और दुनिया में काफी नाम कमा रहे हैं. शुभमन गिल में भी दम है लेकिन टीम में उनको मौके कम मिलते हैं. युवा खिलाड़ियों को अधिक से अधिक मौके मिलने चाहिए.
उन्होंने कहा, “भारतीय क्रिकेट का कप्तान असरदार नहीं था. इसलिए टीम न गेंदबाजी में चल पाई और न ही बल्लेबाजी में. आज न रोहित शर्मा का बल्ला चल रहा है और न ही विराट कोहली का. प्रदर्शन नहीं करने वालों को टीम से बाहर करके नए लोगों को लाना चाहिए.”
हुड्डा ने यह भी बताया कि ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय बल्लेबाजों को प्रतिकूल पिचें दी जहां बॉल कभी उठकर आती थी तो कभी काफी तेजी से निकल जाती थी. टीम इंडिया के बल्लेबाज इसके आदी नहीं थे. हालांकि यह सीनियर खिलाड़ियों की विफलता ही थी जिसने भारत को 1-3 से सीरीज हारने में अहम रोल अदा किया.
गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट टीम रविवार को सिडनी टेस्ट में 6 विकेट से हारने के बाद अब विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की रेस से भी बाहर हो गई है.
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