कोलकाता, 1 फरवरी . इंडिया पावर के पूर्णकालिक निदेशक सोमेश दासगुप्ता ने केंद्रीय बजट 2025-26 पर शनिवार को अपनी राय व्यक्त की. उन्होंने कहा कि यह बजट पावर सेक्टर के लिए सकारात्मक है. विशेष रूप से हरित ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों के लिए किए गए महत्वपूर्ण सुधार सराहनीय हैं.
सोमेश दासगुप्ता ने से कहा कि पावर सेक्टर में पिछले 10 साल से जो भी चर्चा चल रही थी, यह बजट उसी दिशा में आगे बढ़ता है. इसमें कई अहम कदम उठाए गए हैं जो हरित ऊर्जा की दिशा को और मजबूत करेंगे. खासकर ऊर्जा के हरित स्रोतों के संदर्भ में इस बजट में कई महत्वपूर्ण पहल की गई है, जो इस क्षेत्र के लिए लाभकारी साबित होगी.
उन्होंने बताया कि पावर सेक्टर को लेकर इस बजट में जो दिशा दी गई है, वह पूरी तरह से हरित ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए है. खासकर, ग्रीन पावर के लिए एक बड़ी चुनौती होती है चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति. इस चुनौती से निपटने के लिए स्टोरेज सिस्टम जैसे बैटरी स्टोरेज और सौर ऊर्जा प्रणालियों पर जोर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि थर्मल पावर प्लांट्स की दक्षता में सुधार और प्रदूषण को कम करने के लिए इस बजट में विशेष जोर दिया गया है. थर्मल पावर का एक प्रमुख मुद्दा प्रदूषण है और इस बजट में साफ-सुथरे कोयले की उपलब्धता और थर्मल पावर प्लांट्स की दक्षता में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं. पावर सेक्टर में वितरण और ट्रांसमिशन का सुधार भी इस बजट में प्रमुख बिंदु रहा.
दासगुप्ता ने कहा कि वितरण व्यवस्था में सुधार से बिजली की बर्बादी कम होगी और यह सुनिश्चित करेगा कि अधिकतम बिजली का सही उपयोग हो.
बजट के कुछ पहलुओं पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आयकर में बढ़ोतरी के बाद लोग खुश हैं, लेकिन बजट में मध्यम वर्ग के उपभोग में वृद्धि को लेकर कोई नया प्रस्ताव नहीं है. ऐसा लगता है कि उपभोग में बढ़ोतरी का कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया गया है.
इसके अलावा, उन्होंने पूंजीगत व्यय में स्पष्टता की कमी को लेकर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि एमएसएमई के लिए रोजगार को बढ़ावा देने की बात की गई है, लेकिन अन्य क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए कोई ठोस उपाय नहीं दिखते. इस बजट में रोजगार सृजन के लिए किसी विशेष क्षेत्र पर ध्यान नहीं दिया गया है.
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पीएसके/एकेजे