कोलकाता, 11 नवंबर . पश्चिम बंगाल की छह सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होने हैं. आज प्रचार का आखिरी दिन है. इन सभी सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए दोनों दलों की ओर से चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी गई है.
इस बीच, तृमणूल कांग्रेस ने भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी द्वारा दिए एक बयान को लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिखा है. टीएमसी ने उन पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के 3 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में कुणाल घोष, शशि पांजा और जय प्रकाश मजूमदार ने सुवेंदु अधिकारी द्वारा की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मिलकर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस की नेता डॉ शशि पांजा ने प्रेसवार्ता भी की.
उन्होंने कहा, “आजकल हम कोलकाता में हैं और हम चुनाव आयोग के प्रतिनिधि अर्थात मुख्य चुनाव अधिकारी से मिलने आए हैं. आज की मुलाकात का विषय बहुत गंभीर है. जैसा कि आप जानते हैं कि बंगाल में 13 तारीख को उप-चुनाव होने हैं और आज 11 तारीख है, यानी कि आज शाम के बाद चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा. इस मुलाकात का मुख्य मुद्दा भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी द्वारा 9 तारीख को बांकुरा जिले के ताल डांगरा में दिए गए उस विवादास्पद भाषण से संबंधित है. इस भाषण में उन्होंने कुछ ऐसे बयान दिए हैं, जो समाज के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “सुवेंदु अधिकारी ने भाषण में जो बातें कही हैं, वह पूरी तरह सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा देने वाली थीं. हम यह मानते हैं कि इस बयान से सांप्रदायिक दंगा भड़काने की कोशिश की गई है, जो समाज में एक गहरी दरार पैदा कर सकता है.”
उन्होंने कहा, “हमने मुख्य चुनाव अधिकारी को उनकी पूरी भाषण की रिकॉर्डिंग की एक पेन ड्राइव दी है, जिसमें वह विवादास्पद बयान शामिल है.”
उन्होंने कहा, “हमारा कहना है कि उनका यह भाषण आदर्श आचार संहिता के खिलाफ है, जो चुनाव के दौरान किसी भी नेता द्वारा दिए गए बयानों की सीमा निर्धारित करता है. उनका बयान धर्म और जाति के नाम पर समाज में विभाजन को बढ़ावा देने वाला था और यह पूरी तरह से आचार संहिता के खिलाफ है.”
उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा, हम यह भी मानते हैं कि कानून के तहत अगर किसी नेता का बयान घृणा फैलाने वाला होता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.”
उन्होंने कहा, “मुख्य चुनाव अधिकारी से हमारी यह भी अपील है कि वह उपयुक्त कदम उठाएं और सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ सजा का आदेश दें. चुनाव आयोग की भूमिका है कि वह यह सुनिश्चित करे कि चुनाव प्रचार के दौरान कोई भी नेता सांप्रदायिक तनाव न बढ़ाए और जो बयान आचार संहिता के खिलाफ हो, उनका सख्ती से सामना किया जाए.”
–
एसएचके/जीकेटी