नई दिल्ली, 15 अक्टूबर . मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मंगलवार को महाराष्ट्र, झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ ही कुल 15 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव की भी तारीख का ऐलान कर दिया है. इसके साथ ही महाराष्ट्र की नांदेड़ और केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया है.
लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वायनाड और रायबरेली दो संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था और दोनों पर जीत का परचम लहराया था. इसके बाद उन्हें नियम के अनुसार एक सीट से इस्तीफा देना पड़ा. उन्होंने वायनाड सीट छोड़ने का फैसला लिया और रायबरेली सीट से सांसद बने रहने का फैसला किया. रायबरेली उनकी मां सोनिया गांधी की परंपरागत सीट थी. जहां इस लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपना दांव आजमाया और उनका दांव सफल साबित हुआ.
2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने अमेठी और वायनाड दोनों सीटों से चुनाव लड़ा था. लेकिन, उन्हें अमेठी से बीजेपी नेता स्मृति ईरानी के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा था, तो वहीं वायनाड की जनता ने उन्हें अपना आशीर्वाद देते हुए संसद भेज दिया था. लेकिन, 2024 के चुनाव में राहुल वायनाड और रायबरेली की सीट से चुनाव लड़े और दोनों ही सीटों पर जीत का परचम लहराने में सफल हुए. इसके बाद उन्होंने वायनाड से इस्तीफा दे दिया.
उनके इस्तीफे के बाद वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव की स्थिति बन गई. चुनाव आयोग ने यहां उप-चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. केरल की वायनाड की सीट पर 11 नवंबर को उप-चुनाव होगा.
बता दें कि बीते दिनों कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ने घोषणा की थी कि वायनाड से पार्टी प्रियंका गांधी पर दांव आजमा सकती है. लेकिन, अभी तक इस हाईप्रोफाइल सीट से किसे चुनावी मैदान में उतारा जाएगा. इसे लेकर कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से कोई फैसला नहीं लिया गया है.
राहुल गांधी ने दो बार वायनाड सीट पर जीत दर्ज की है. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने 4.31 लाख वोटों से जीत हासिल की थी और इस बार वह 3,64, 422 वोटों से जीत हासिल की है. वायनाड सीट 2008 में वजूद में आई, तब से लेकर अब तक इस सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी ही जीत दर्ज करते आए हैं. इस लोकसभा सीट में कुल 7 विधानसभा सीटें आती हैं. 2009 से 2019 तक इस सीट पर कांग्रेस के एमआई शानवास सांसद रहे. इसके बाद, 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यहां से जीत हासिल की.
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