लेह, 3 अगस्त . देश के वैज्ञानिक चंद्रमा और मंगल पर सालों से शोध कर रहे हैं. भारत ने दोनों ग्रहों पर कई मिशन भी भेजे हैं. इन दोनों ग्रहों पर विशेष अध्ययन करने के लिए धरती पर दुनिया भर में कई स्पेस सेंटर बनाए गए हैं. इसी कड़ी में एनालॉग रिसर्च स्टेशन के लिए भारतीय विज्ञान संस्थान और बीरबल साहनी पुरावविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने लद्दाख को आइडियल साइट माना है.
एनालॉग रिसर्च स्टेशन के लिए लद्दाख को आइडियल साइट के रूप में चुने जाने से यह साफ है कि आने वाले वक्त में लद्दाख स्पेस के क्षेत्र के रूप में जाना जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस एनालॉग रिसर्च स्टेशन में ऐसी सुविधाएं हैं जहां से चांद और मंगल ग्रह से संबंधित शोध किए जा सकते हैं.
चांद और मंगल ग्रह पर जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स के लिए कैसे घर का निर्माण होगा, इसकी टेस्टिंग लद्दाख में हो सकती है. रिसर्च के दौरान वैज्ञानिक यह भी जान पाएंगे कि कठिन मौसम में सूक्ष्मजीव कैसी प्रतिक्रिया देते हैं. बीएसआईपी की बिनीता फर्त्याल और आईआईएससी के आलोक कुमार और शुभांशु शुक्ला ने एनालॉग रिसर्च स्टेशन के लिए लद्दाख को चुना है.
देश के वैज्ञानिकों की रिसर्च अहम इसलिए हो जाती है क्योंकि मंगल और चंद्रमा ग्रह को लेकर भारत अपने नए मिशन की तैयारी कर रहा है. वैज्ञानिक 2040 तक चांद पर अपने एस्ट्रोनॉट उतारना चाहते हैं. लद्दाख की जियोलॉजिकल कंडीशन, जोकि हार्ड है, और इसकी अनोखी भौगोलिक खूबियां, जो मंगल और चंद्रमा के हालात से मिलती-जुलती हैं, इसे एनालॉग रिसर्च स्टेशन के लिए उपयुक्त बनाती हैं.
इससे भारत को अपने स्पेस प्रोग्राम में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी और वह चंद्रमा और मंगल ग्रह पर अपने मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा करने में सक्षम होगा. हालांकि, लद्दाख में बन रहे एनालॉग रिसर्च स्टेशन को तैयार होने में कितना वक्त लगेगा, इसे लेकर फिलहाल कोई जानकारी नहीं है.
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पीएसके/