जानें सिरदर्द के लक्षण, सावधानी अचूक उपाय

नई दिल्ली, 19 सितंबर . सिरदर्द एक आम बात है. हम सभी ने अपने जीवन में कभी न कभी सिरदर्द का अनुभव किया है. सिरदर्द कई तरह के होते हैं. तनाव से होने वाला सिरदर्द सबसे आम बात है.

सिरदर्द आपके मस्तिष्क, रक्त कोशिकाओं और आस-पास की नसों के बीच संकेतों के परस्पर क्रिया के कारण होता है. सिरदर्द के दौरान, कई तंत्र विशिष्ट नसों को सक्रिय करते हैं, जो मांसपेशियों और रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करते हैं. इससे सिरदर्द होता है.

मानसिक या भावनात्मक तनाव सिरदर्द का एक प्रमुख कारण माना जाता है. आपके कंधों, गर्दन, खोपड़ी और जबड़े में मांसपेशियों के तनाव के कारण होता है.

साइनस में सूजन या संक्रमण होने पर भी सिरदर्द होना आम बात है. इससे अक्सर चेहरे और सिर के सामने के हिस्से में दर्द महसूस होता है. नींद की कमी या जरूरत से ज्यादा नींद या अनियमित नींद, सिरदर्द का कारण बन सकती है.

डिहाइड्रेशन यानी पानी की कमी से आप सिरदर्द के शिकार हो सकते हैं. इसलिए पर्याप्त पानी पीना मेंटल हेल्थ के लिए जरूरी है.

पढ़ने के लिए ज्यादा नीचे देखने से गर्दन में खिंचाव आ सकता है. वहीं बिना रुके लंबे समय तक कंप्यूटर स्क्रीन पर नजरें गड़ा कर रखना, सिरदर्द की वजह बन सकती है.

सामान्य सर्दी, फ्लू और संक्रामक बीमारियों की वजह से सिरदर्द और थकान के सामान्य लक्षण पाए जाते हैं. इस दौरान सावधानियां और घरेलू नुस्खे रामबाण का इलाज माना जाता है.

वहीं माइग्रेन की वजह से सिरदर्द की समस्या बनी रहती है. वास्तव में, जिन बच्चों के माता-पिता को माइग्रेन होता है, उनमें माइग्रेन होने की संभावना चार गुना अधिक होती है.

माइग्रेन एक गंभीर सिरदर्द है, जो आम तौर पर एक तरफ से शुरू होता है. इसके लक्षणों में मतली या उल्टी और शोर के प्रति चिड़चिड़ापन शामिल है. यह आमतौर पर चार घंटे से अधिक समय तक रहने वाला सिरदर्द है, लेकिन यह 72 घंटे तक भी रह सकता है.

एकेएस/