औषधीय गुणों से भरपूर अपामार्ग, जानिए इसकी खासियत

नई दिल्ली, 23 मार्च . अपामार्ग एक ऐसा पौधा है, जिसे चिरचिटा, लटजीरा, चिरचिरा या चिचड़ा भी कहते हैं. यह बहुत आम है और आपने इसे अपने घर के आसपास, जंगल-झाड़ियों या खाली जगहों पर जरूर देखा होगा. ज्यादातर लोग इसे बेकार समझते हैं, क्योंकि वे इसके बारे में नहीं जानते. लेकिन, अपामार्ग कोई साधारण पौधा नहीं है.

यह एक औषधीय जड़ी-बूटी है, जिसके कई फायदे हैं. यह दांतों की परेशानी, घाव, पेट की समस्या और कई दूसरी बीमारियों में काम आता है. अपामार्ग दो तरह का होता है: सफेद और लाल. दोनों के अपने-अपने गुण हैं और इनका इस्तेमाल कई बीमारियों से निजात दिलाने के लिए किया जाता है. आचार्य सुश्रुत ने इसके क्षार – छेदन, भेदन, लेखन, शोषण और त्रिदोष शमन गुणों का वर्णन किया है.

सफेद अपामार्ग की बात करें तो यह कई तरह से मदद करता है. अगर दांत में दर्द हो, तो इसके 2-3 पत्तों का रस निकालकर रुई से लगाएं, दर्द कम हो जाएगा. इसकी जड़ से रोज दातून करने से दांत मजबूत होते हैं, मसूड़ों की कमजोरी दूर होती है और मुंह की बदबू भी चली जाती है. त्वचा की समस्या जैसे फोड़े-फुंसी हों तो इसके पत्तों को पीसकर लगाने से राहत मिलती है. मुंह में छाले हों तो इसके पत्तों का काढ़ा बनाकर गरारे करने से ठीक हो जाते हैं. जिन्हें बहुत ज्यादा भूख लगती है, वे इसके बीजों का 3 ग्राम चूर्ण दिन में दो बार एक हफ्ते तक लें, इससे भूख कंट्रोल होगी. बीजों की खीर बनाकर खाने से भी यही फायदा होता है.

आंखों की परेशानी जैसे दर्द, पानी बहना या रतौंधी में 2 ग्राम जड़ का रस शहद के साथ आंखों में डालने से आराम मिलता है. कटने-छिलने पर इसके पत्तों का रस लगाएं, खून रुक जाएगा. पुराने घाव हों तो जड़ को तिल के तेल में पकाकर लगाने से दर्द कम होता है और घाव ठीक हो जाता है. दमा में इसके सूखे पत्तों को हुक्के में पीने से सांस लेना आसान होता है. बच्चों की खांसी और कफ की समस्या में 125 मिलीग्राम अपामार्ग क्षार को शहद के साथ देने से फायदा होता है.

लाल अपामार्ग भी कम उपयोगी नहीं है. अगर भूख कम लगती हो, तो इसकी जड़ या पंचांग का 10-30 मिली काढ़ा पीने से भूख बढ़ती है. कब्ज की परेशानी में इसके तने और पत्तों का 1-2 ग्राम चूर्ण लेने से राहत मिलती है. पेशाब में दर्द या रुकावट हो तो इसके पत्तों का काढ़ा चीनी के साथ पीएं, समस्या ठीक हो जाएगी. पेचिश या हैजा में भी इसका काढ़ा फायदेमंद है.

अपामार्ग का इस्तेमाल सही मात्रा में करना जरूरी है: रस 10-20 मिली, जड़ का चूर्ण 3-6 ग्राम, बीज 3 ग्राम और क्षार आधा से 2 ग्राम. यह आसानी से मिलने वाला पौधा है, लेकिन इसे आजमाने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर है.

एसएचके/केआर