आईपीएल 2025 : सफेद गेंद क्रिकेट का फिर से लुत्फ उठाने के लिए केएल राहुल ने दिया अभिषेक नायर को श्रेय

चेन्नई, 6 अप्रैल . चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के खिलाफ शानदार 77 रन की पारी (51 गेंदों में) खेलकर दिल्ली कैपिटल्स (डीसी) को 25 रन से जीत दिलाने वाले विकेटकीपर-बल्लेबाज केएल राहुल ने कहा कि भारतीय टीम के सहायक कोच अभिषेक नायर के साथ की गई मेहनत ने उन्हें फिर से वाइट-बॉल क्रिकेट (एकदिवसीय और टी20) का मजा दिला दिया है.

चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम की सूखी पिच पर राहुल ने फाफ डु प्लेसिस की गैरमौजूदगी में ओपनिंग की. शुरुआत में उन्होंने 20 गेंदों में 25 रन बनाए, फिर लय में आकर अगले 18 गेंदों में 36 रन और कुल मिलाकर 51 गेंदों में 77 रन जड़ दिए.

राहुल की इस पारी में 6 चौके और 3 छक्के शामिल थे. उन्होंने सीएसके के प्रमुख गेंदबाज नूर अहमद की गेंदों पर भी खुलकर रन बनाए, जिससे डीसी ने 183/6 का स्कोर खड़ा किया.

मैच के बाद डीसी के मेंटर केविन पीटरसन से बातचीत में राहुल ने कहा, “मैंने पिछले एक साल में सफेद गेंद वाले क्रिकेट पर बहुत मेहनत की है. अभिषेक नायर का इसमें बड़ा योगदान है. उनके आने के बाद से मैंने उनके साथ घंटों वाइट-बॉल क्रिकेट पर बात की है कि कैसे बेहतर बनूं, कैसे फिर से भरपूर लुत्फ उठा पाऊं.”

उन्होंने आगे बताया, “हमने मुंबई में घंटों साथ में अभ्यास किया और वहीं मुझे फिर से खेलने का असली आनंद मिला.”

राहुल ने डीसी के पहले मैच में पितृत्व अवकाश के कारण हिस्सा नहीं लिया था. वापसी के बाद उन्होंने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ 5 गेंदों में 15 रन की तेज पारी खेली और फिर सीएसके के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया.

राहुल ने कहा, “मैच के बीच में ऐसा लग रहा था कि मैंने 15-20 रन पीछे छोड़ दिए. लेकिन अच्छा यह था कि सामने वाली टीम भी उतना ही संघर्ष कर रही थी जितना मैं कर रहा था. मैंने ब्रेक के बाद जैसे ही फिर से बल्लेबाजी शुरू की, पहली ही गेंद मिडिल में लगी और उसके बाद लय बन गई.”

राहुल हाल ही में भारत के लिए 2025 चैंपियंस ट्रॉफी में एक फिनिशर की भूमिका में शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने 97.90 के स्ट्राइक रेट से 140 रन बनाए और तीन बार नॉट आउट रहे.

उन्होंने यह भी बताया कि अब उनका खेल के प्रति नजरिया बदल गया है. राहुल ने कहा, “कभी-कभी मैं बहुत ज्यादा ‘गेम को लंबा खींचने’ की सोच में पड़ जाता था और चौके-छक्के मारने का मजा खो बैठा था. लेकिन अब समझ आया कि क्रिकेट बदल गया है, खासतौर पर टी20 और इसमें वही टीम जीतती है जो ज्यादा चौके-छक्के मारती है.”

राहुल ने अंत में कहा, “अब मैं ज्यादा नहीं सोचता, बस गेंद देखता हूं और आक्रामक खेलने की कोशिश करता हूं. गेंदबाज और सामने वाली टीम पर दबाव बनाता हूं और क्रिकेट का आनंद लेता हूं.”

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