
उदयपुर . बीते माह 26 फरवरी को ग्रेड थर्ड टीचर भर्ती में गिरफ्तार फर्जी अभ्यर्थी किशना राम विश्नोई पहले भी कई सरकारी भर्तियों की एग्जाम डमी कैंडिडेट के रूप में दे चुका है. 3 से 5 लाख रुपए में यह सौदा करता था. फिर पंजीकृत अभ्यर्थी की जगह एग्जाम देने पहुंचता. हैरानी वाली बात ये है कि किशनाराम अब तक पटवारी, कम्प्यूटर टीचर, एलडीसी और टीचर भर्ती जैसी करीब 8 से 10 एग्जाम फर्जी तरीके दे चुका है.
इन एग्जाम में सेंटर पर जांच के दौरान वह कभी पकड़ा नहीं गया. जिस पंजीकृत अभ्यर्थी की जगह डमी कैंडिडेट के रूप में एग्जाम देने पहुंचता, उसी पंजीकृत अभ्यर्थी की तरह खुद का हुलिया बनाने की कोशिश करता. दाढ़ी और सिर के बाल भी पंजीकृत अभ्यर्थी की तरह ही बना लेता. ताकि सेंटर पर पंजीकृत अभ्यर्थी के आधार कार्ड से खुद का फोटो कुछ हद तक मिलान हो सके. इसी चाल से यह प्रवेश पाता रहा और फर्जी तरीके से एग्जाम देता रहा.
26 फरवरी को हुई ग्रेड थर्ड टीचर भर्ती एग्जाम में हिरण मगरी पुलिस ने डमी कैंडिडेट किशनाराम विश्नोई को पकड़ा था. वो उदयपुर में झाड़ोल के रहने वाले संजय पारगी की जगह एग्जाम दे रहा था. उसने सुरेश विश्नोई से 5 लाख रुपए में डमी कैंडिडेट बनकर एग्जाम दिलवाने का सौदा किया था. इसके बाद किशनाराम ने पुसिस पूछताछ में सुरेश विश्नोई और श्रवण के सहयोग से यह पेपर देना स्वीकार किया. पुलिस ने डमी कैंडिडेट जालोर सेवड़ी बागोड़ा निवासी किशनाराम और डमी अभ्यर्थियों को पहुंचाने वाले मोरवाना बाड़मेर निवासी श्रवण विश्नोई को रिमांड पूरी होने पर कोर्ट में पेश किया गया. जहां से आरोपी को जेल भेज दिया गया.
इधर सीसारमा के सरकारी सी.सै. स्कूल में पंजीकृत अभ्यर्थी विजय पारगी की जगह करड़ा जालोर निवासी प्रकाश पुत्र वंशाराम विश्नोई डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा देकर गया था लेकिन सेंटर पर जांच में यह पकड़ा नहीं जा सका. पकड़े गए डमी कैंडिडेट से पुलिस पूछताछ में प्रकाश विश्नोई के बतौर डमी कैंडिडेट एग्जाम देने की बात सामने आई. अब पुलिस प्रकाश विश्नोई की तलाश में जुटी है.