नई दिल्ली, 14 दिसंबर . संसद में शनिवार को संविधान पर दो दिन की चर्चा पूरी हुई. इससे पहले तृणमूल कांग्रेस सांसद कीर्ति आजाद ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग संविधान को नहीं मानते, वे संसद में संविधान पर चर्चा करा रहे हैं.
कीर्ति आजाद ने कहा, “जो लोग संविधान को मानते नहीं, वे संविधान पर चर्चा करवा रहे हैं. यह हास्यास्पद है. भारतीय जनता पार्टी की मूल संस्था आरएसएस, जिसने संविधान का यह कहते हुए विरोध किया था कि यह संविधान अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों की नकल है. उन्होंने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है. यह बात उस समय की है, जब संविधान बना था. वे लोग संविधान पर चर्चा करवा रहे हैं, ‘यह मुंह और मसूर की दाल’.”
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ से जुड़े दो विधेयक लोकसभा में सोमवार पेश होने हैं. इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस नेता ने कहा, “भारतीय जनता पार्टी के लोग देश के संघीय ढांचे को खत्म कर देंगे. कार्य मंत्रणा समिति में इसकी कोई चर्चा नहीं हुई. ये लोग तानाशाही लाना चाहते हैं. अगर ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ आने के बाद किसी राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बनी तो ये लोग क्या करेंगे. उस राज्य में पांच साल राष्ट्रपति शासन रहेगा क्या? अभी वहां पर छह महीने में फिर से चुनाव हो जाएंगे. यह लागू होने के बाद वहां क्या होगा? लोकसभा में ही देख लीजिए. भारतीय जनता पार्टी की 240 सीटें आईं. अभी पूर्ण बहुमत न होने के बाद भी ये लोग गठबंधन की उसी ‘एक्स्ट्रा टू एबी’ वाली बैसाखी पर चल रहे हैं जिसका जिक्र प्रधानमंत्री करते थे. उस ‘एक्स्ट्रा टू एबी’ में एक है ‘ए’ से आंध्र प्रदेश और दूसरा ‘बी’ से बिहार. यह सरकार उसी ‘टू एबी’ पर चल रही है.”
तृणमूल सांसद ने कहा, “हालांकि यह गठबंधन बहुत जल्दी टूटने वाला है. इसके साझीदार बहुत जल्दी टूटने वाले हैं. उसके बाद यह सरकार फिर से बैसाखी पर आ जाएगी. उसके बाद क्या करेंगे यह लोग? पांच साल तक राष्ट्रपति शासन रखेंगे या चुनाव कराएंगे.”
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पीएसएम/एकेजे