संसद में 28 जुलाई को ऑपरेशन सिंदूर पर होगी चर्चा : किरेन रिजिजू

New Delhi, 25 जुलाई . संसद में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर चल रहे हंगामे पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने Friday को बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि संसद में चर्चा के दौरान Government की ओर से कौन बोलेगा? यह विपक्ष तय नहीं कर सकता है और विपक्ष की ओर से कौन बोलेगा? यह Government तय नहीं कर सकती है.

किरेन रिजिजू ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सभी मुद्दों पर एक साथ चर्चा नहीं की जा सकती. विपक्ष ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान और अन्य जैसे कई मुद्दे उठाए हैं. हमने उन्हें बताया कि पहले ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की जाएगी. उसके बाद हम तय करेंगे कि किन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. ऑपरेशन सिंदूर पर Monday (28 जुलाई) को Lok Sabha में 16 घंटे और Tuesday (29 जुलाई) को राज्यसभा में 16 घंटे बहस होगी.

उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि संसद के मानसून सत्र का पहला सप्ताह जैसा रहा, आप सबने देखा. संसद सत्र शुरू होने से पहले ही कांग्रेस समेत कई दलों ने अनुरोध किया था कि पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होनी चाहिए. इसे लेकर Government की ओर से साफ शब्दों में कहा गया कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष ने पहले दिन ही हंगामा शुरू कर दिया. विपक्ष ने पोस्टर बैनर लेकर संसद के अंदर और बाहर प्रदर्शन किया और संसद नहीं चलने दी. कांग्रेस और कुछ दलों ने संसद की कार्यवाही को बाधित किया.

किरेन रिजिजू ने कहा कि Government ने यह निर्णय लिया है कि हम Monday से पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करेंगे. सभी दलों ने स्वीकार किया है कि संसद Monday से सुचारू रूप से चलेगी. उन्होंने कहा कि एक-एक सवाल का जवाब तैयार करने में काफी समय लगता है. ऐसे में अगर जवाब नहीं सुनते हैं तो लोगों का काफी नुकसान होता है. एक साथ सारे मुद्दों पर चर्चा नहीं हो सकती है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और Lok Sabha के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात हुई. इस दौरान क्या बातचीत हुई? ये जानकारी सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं. संसद में सभी पार्टी को बोलने का पर्याप्त मौका मिलेगा. किरेन रिरिजू ने कहा कि जस्टिस यशवंत वर्मा पर Government का प्रयास है. Government और विपक्ष एकजुट होकर मोशन लाएंगे.

डीकेपी