मुंबई, 25 जून . भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में पहला टेस्ट पांच विकेट से गंवा दिया. भले ही पूर्व क्रिकेटर किरण मोरे इस युवा टीम से संतुष्ट हैं, लेकिन उनका मानना है कि भारत की गेंदबाजी और फील्डिंग में सुधार की जरूरत है.
किरण मोरे ने ‘ ’ से कहा, “हमने मैच में पांच शतक जड़े. हमने चार दिन जबरदस्त खेला. मुझे लगता है कि अंतिम दिन इंग्लैंड बहुत बेहतरीन खेला. मेरा मानना है कि भारत को 500-525 रन बनाने चाहिए थे. दूसरी पारी में 400 भी हो सकते थे.”
किरण मोरे ने आगे कहा, “फील्डिंग में कुछ गलतियां हो गईं. कैच छूटे हैं, लेकिन कैच छूटते हैं, कोई जानबूझकर छोड़ता नहीं है. मैंने बहुत सालों के बाद एक बढ़िया टेस्ट मैच देखा है. मुझे लगता है कि गेंदबाजी में और सुधार होना चाहिए. इतने रन बनाकर भी अगर आप हारते हैं, तो गेंदबाजी में कहीं कमी है.”
उन्होंने आगे कहा, “बुमराह ने अच्छी गेंदबाजी की. उन्हें सपोर्ट मिलना चाहिए. हम बुमराह पर ही निर्भर नहीं रह सकते. सभी विकेट वह नहीं ले सकते. यह एक नई टीम है. शुभमन गिल नए कप्तान हैं, उन्हें समय देना चाहिए. मुझे लगता है कि व्यवस्थित होने के लिए टीम को एक साल लगेगा.”
पूर्व क्रिकेटर ने कहा, “हमारे लड़के अच्छे हैं. उन पर विश्वास रखिए. हमें गेंदबाजी पर काम करना चाहिए. अगर बुमराह चोटिल हो गए, तो विकल्प क्या होगा? जडेजा के बदले क्या विकल्प होगा? ये सभी विकल्प आपको तैयार रखने होंगे. आपको नए चेहरे लाने होंगे. उन्हें मौके देने पर ही अच्छी टीम बन सकती है.”
उन्होंने कहा, “इंग्लैंड के पास घरेलू मैदान का फायदा है. उन्हें यहां की कंडीशन के बारे में पता था. इंग्लैंड जिस तरह खेल रही है, वो ओवरऑल क्रिकेट के लिए अच्छा है. मगर इतना अच्छा खेलने के बावजूद वह टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए.”
भारत की युवा टीम की सराहना करते हुए मोरे ने कहा, “टीम इंडिया की तारीफ की जानी चाहिए. भले ही हम जीते नहीं, लेकिन बहुत अच्छा खेले. काफी क्रिकेटर टीम से जा चुके हैं. मोहम्मद शमी भी अनफिट हैं. जो कमी दिख रही है, उसके लिए बैकअप प्लेयर भी तैयार करने होंगे. प्रसिद्ध कृष्णा को भी वक्त देना चाहिए.”
23 जून को भारत के पूर्व क्रिकेटर दिलीप दोषी दुनिया को अलविदा कह गए. किरण मोरे उनके निधन से बेहद दुखी हैं. मोरे ने कहा, “वह मेरे करीबी दोस्त थे. बड़े भाई के जैसे. जब भी मिलते, सलाह देते थे. जब मैं पहली बार इंग्लैंड के टूर पर गया, तब भी उन्होंने मुझे काफी सलाह दी थी. वह हमारे सीनियर थे. ऐसे में उनके प्रति सम्मान की भावना है. उनके निधन की खबर चौंकाने वाली थी. उनका जाना एक बड़ी क्षति है.”
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आरएसजी/आरआर