सिनेमाघरों में फिर से रिलीज हुई ‘खोसला का घोसला’

मुंबई, 18 अक्टूबर . राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म ‘खोसला का घोसला!’ शुक्रवार को सिनेमाघरों में फिर से रिलीज हुई. दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर इसे “शानदार कल्ट फिल्म” बताते हैं. अभिनेता ने पहले ही को बताया था कि यह लेखक जयदीप साहनी के दिमाग की उपज है.

फिल्म के निर्माता राज और सविता हीरेमठ ने को बताया कि फिल्म को एक ब्रांड में बदलने का उनका विचार था.

राज और सविता हीरेमठ फिल्म बनाने से पहले विज्ञापन की पृष्ठभूमि से आते थे. उन्होंने एक ऐसी कहानी पर दांव लगाया जो बहुत सरल थी. फिल्म में ग्लैमर का एक अंश भी नहीं था, जिसके लिए उस समय बॉलीवुड जाना जाता था.

सविता ने को बताया, हम ऐसी फिल्म का निर्माण करना चाहते थे, जो लोगों का मनोरंजन करे, साथ ही इसे एक ब्रांड बनाने की कोशिश थी. क्योंकि, यह हमारे लिए सिर्फ एक फिल्म नहीं थी. हम चाहते थे कि यह फिल्म पैसा कमाने के साथ लंबे समय तक चले.

उन्होंने बताया, “आप अपने परिवार को थिएटर में देख रहे हैं और उस पर हंस रहे हैं. आप इसलिए नहीं हंस रहे हैं, क्योंकि फिल्म में कलाकार डबल मीनिंग जोक्स कर रहे हैं या वे उन संवादों में से कुछ कर रहे हैं. फिल्म देखते समय आप इसलिए हंसते हैं, क्योंकि आपके साथ ऐसा कुछ हुआ है.”

दिबाकर बनर्जी द्वारा निर्देशित ‘खोसला का घोसला’ का हास्य न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी पसंद किया जा रहा है. राज ने को बताया, “हम कान्स गए और हमने शुरुआती दौर में फिल्म का प्रदर्शन किया. लोग हंस रहे थे और कह रहे थे, ‘यह क्या है?'”

उन्होंने कहा, “वे उस दृश्य में हंस रहे थे, जिसमें माताजी सिर्फ नमस्ते कर रही थीं. पहली नजर में, माताजी का नमस्ते करना मजेदार नहीं था, लेकिन लोग हंसते-हंसते लोटपोट हो रहे थे.

निर्माताओं ने यह भी बताया कि फिल्म का पहला भाग कुछ ऐसा है, जो वास्तव में इसके लेखक जयदीप साहनी के साथ हुआ है. वह ‘कंपनी’, ‘बंटी और बबली’, ‘चक दे! इंडिया’ और ‘रॉकेट सिंह: सेल्समैन ऑफ द ईयर’ जैसी अन्य कल्ट फिल्मों के लिए भी जाने जाते हैं. जयदीप के परिवार के पास भी ज़मीन थी, जिसे बिल्डर द्वारा हथिया लिया जाता है. फिल्म का दूसरा भाग उस व्यक्ति से बदला लेने की उसकी इच्छा पर आधारित है, जिसने उसके परिवार की जमीन ले ली थी.

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