नई दिल्ली, 23 सितंबर . सरकार ने सोमवार को कहा कि खरीफ फसल की बुआई 1,104 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गई है, जो पिछली बार (17 सितंबर तक) 1,096 लाख हेक्टेयर बताई गई थी. धान, मोटे अनाज, तिलहन और गन्ने की बुआई सामान्य क्षेत्र से अधिक हो गई है.
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, धान की बुआई 413 लाख हेक्टेयर (23 सितम्बर तक) तक पहुंच गई है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 404 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी. दलहनों के लिए, 128.58 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना दी गई है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 119.28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज था. मोटे अनाज के तहत क्षेत्र कवरेज 192.55 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज तक पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 186.07 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज था. तिलहन के संबंध में, 193.32 लाख हेक्टेयर कवरेज की सूचना दी गई है, जबकि पिछले वर्ष 190.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज था.
गन्ने की बुआई 57.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 57.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हुई थी. इस साल बेहतर मानसून की वजह से धान की बुआई पिछले पांच सालों के औसत रकबे से ज्यादा हो गई है. मौजूदा सीजन में बुआई का रकबा बढ़ गया है क्योंकि बेहतर मानसून की बारिश की वजह से देश के असिंचित इलाकों में बुआई आसान हो गई है, जो देश की कृषि भूमि का करीब 50 प्रतिशत है.
इस बीच, देश में बागवानी उत्पादन 2023-24 में 28.98 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 353.19 मिलियन टन तक पहुंचने का अनुमान है. कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों (तीसरे अग्रिम अनुमान) के अनुसार, 2022-23 तक फलों, शहद, फूलों, बागान फसलों, मसालों, सुगंधित पदार्थों और औषधीय पौधों का उत्पादन बढ़ने का अनुमान लगाया गया था.
इसके अलावा, कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादन और लचीलापन बढ़ाने के लिए बजट 2024-25 में 1.52 लाख करोड़ रुपये की रकम की घोषणा की है.
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आरके/जीकेटी