पिछले दरवाजे से संविधान के साथ छेड़छाड़ करना चाहती है सरकार : खड़गे

नई दिल्ली, 22 जुलाई . कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए एक पोस्ट में भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार सरकारी दफ्तरों में आरएसएस की विचारधारा को लागू कर संविधान के साथ ‘पिछले दरवाजे’ से छेड़छाड़ करना चाहती है.

खड़गे ने एक्स पर पोस्ट किया, “1947 में आज ही के दिन भारत ने अपना राष्ट्रीय ध्वज अपनाया था. आरएसएस ने तिरंगे का विरोध किया था और सरदार पटेल ने उन्हें इसके खिलाफ चेतावनी दी थी. 4 फरवरी 1948 को गांधी जी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था.”

खड़गे ने पोस्ट में आगे लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 58 साल बाद, सरकारी कर्मचारियों पर आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर 1966 में लगा प्रतिबंध हटा दिया है. हम जानते हैं कि पिछले 10 वर्षों में भाजपा ने सभी संवैधानिक और स्वायत्त संस्थानों पर संस्थागत रूप से कब्जा करने के लिए आरएसएस का उपयोग किया है.”

“नरेंद्र मोदी सरकारी कर्मचारियों पर आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर लगा प्रतिबंध हटाकर, सरकारी दफ्तरों के कर्मचारियों को विचारधारा के आधार पर विभाजित करना चाहते हैं. यह सरकारी दफ्तरों में लोक सेवकों की निष्पक्षता और संविधान की सर्वोच्चता के भाव के लिए चुनौतीपूर्ण होगा.”

पोस्ट में आगे लिखा कि, सरकार संभवतः ऐसे कदम इसलिए उठा रही है, क्योंकि जनता ने उसके संविधान में फेरबदल करने की कुत्सित मंशा को चुनाव में परास्त कर दिया. चुनाव जीत कर संविधान नहीं बदल पा रहे, तो अब पिछले दरवाजे से सरकारी दफ्तरों पर आरएसएस का कब्जा कर संविधान से छेड़छाड़ करेंगे.

खड़गे ने पोस्ट में कहा, “यह आरएसएस द्वारा सरदार पटेल को दिए गए उस माफीनामा व आश्वासन का भी उल्लंघन है, जिसमें उन्होंने आरएसएस को संविधान के अनुरूप, बिना किसी राजनीतिक एजेंडे के एक सामाजिक संस्था के रूप में काम करने का वादा किया था. विपक्ष को लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिये आगे भी संघर्ष करते रहना होगा.”

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