जींद, 27 मार्च . हरियाणा में गन कल्चर के बढ़ते प्रचलन को लेकर सरकार सख्त है. गुरुवार को जींद के खाप नेताओं ने इस मामले में पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की. उन्होंने डीजे के दौरान गन कल्चर को बढ़ावा देने वाले और लचर गानों का विरोध किया. उन्होंने प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग की और कहा कि डीजे के लिए एक समय सीमा निर्धारित की जाए. इस विषय पर खाप प्रधान गुरविंदर सिंह ने समाचार एजेंसी से बात की.
हरियाणा में बढ़ते गन कल्चर के गानों का खाप नेता खासा विरोध कर रहे हैं. वे इन गानों को समाज की संस्कृति खराब करने के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं. कई गांवों में कार्यक्रमों के दौरान डीजे पर बजने वाले गन कल्चर और लचर गानों का विरोध तेज होने लगा है. इसकी शिकायत पर माजरा खाप, खटकड़ खाप और नौगामा खाप के नेता खुलकर विरोध कर रहे हैं. उन्होंने पुलिस अधीक्षक से मिलकर ऐसे गानों पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की मांग की और कानून की अवहेलना करने वालों पर सख्त कार्रवाई की अपील की.
माजरा खाप प्रधान गुरविंदर सिंह ने से कहा, “हमने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और उन्हें लिखित में शिकायत की है. डीजे पर जो लचर और गन कल्चर के गीत बजाए जाते हैं, उनसे बच्चे बिगड़ते हैं और हमारे समाज में कुरीतियां फैल रही हैं. इस पर बैन लगाया जाए. उन्होंने मुझे बताया कि शहर के अंदर जो गाने बजाए जाते हैं, उनसे हम हलफनामा लेते हैं कि कितने टाइम तक गाना बजा सकते हैं और लचर तथा गन कल्चर के गीत नहीं बजा सकते. हमारी यह मांग थी कि गांवों में भी ऐसे प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए.”
उन्होंने कहा, “गांव के अंदर जो डीजे बजाए जाते हैं, उनकी आवाज बहुत तेज होती है. इससे पशुओं, बुजुर्गों, रोगियों और गर्भवती महिलाओं को बहुत नुकसान होता है. इस पर पुलिस अधीक्षक ने हमें आश्वासन दिया कि गांव के सभी डीजे वालों का नंबर लिया जाएगा और जो भी गाना बजाएगा, उसके पहले पुलिस से मंजूरी लेनी होगी. वहीं, गन कल्चर और लचर गीत नहीं बजाए जाएंगे. अगर ऐसे गाने बजेंगे तो डीजे जब्त कर लिए जाएंगे.”
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एससीएच/एकेजे