पटना, 23 मार्च . रमजान का पाक महीना चल रहा है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 20 वर्षों से मुसलमान समुदाय के लिए इफ्तार पार्टी का आयोजन करते रहे हैं. लेकिन, इस बार नीतीश कुमार द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में दावा किया जा रहा है कि मुसलमान संगठनों ने सीएम के इफ्तार पार्टी से दूरी बना ली है. आरजेडी द्वारा एक लेटर भी जारी किया गया है. जिसमें कुछ मुस्लिम संगठनों के नाम लिखे हुए हैं. कहा जा रहा है कि इन मुस्लिम संगठनों ने सीएम की इफ्तार पार्टी में जाने से मना कर दिया है.
इफ्तार पार्टी पर चढ़े इस सियासी रंग के बीच जेडीयू नेता खालिद अनवर ने रविवार को न्यूज एजेंसी से बात की. जेडीयू नेता ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 20 वर्षों से इफ्तार पार्टियों का आयोजन करते आ रहे हैं. ये इफ्तार पार्टियां पूरी तरह धार्मिक हैं, राजनीतिक नहीं हैं और इनका राजनीति से कोई संबंध नहीं है. यह एक आस्था आधारित आयोजन है, जिसे नीतीश कुमार रमजान के सम्मान में मुसलमानों के सम्मान में और ईद के स्वागत में पूरी श्रद्धा के साथ आयोजित करते हैं.
आरजेडी को लगता है कि वह इस तरह के फर्जी लेटर के माध्यम से नीतीश कुमार को टारेगट करेंगे तो उन्हें पता होना चाहिए कि बिहार के मुसलमान जागरूक हैं. बिहार के मुसलमान नीतीश कुमार के साथ हैं. आरजेडी मुसलमानों के साथ सियासत करती रही है. लेकिन, कभी आरजेडी मुसलमानों के हित के लिए खड़ी नहीं हुई. मैं समझता हूं कि बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में आरजेडी का सबसे खराब प्रदर्शन रहने वाला है. बिहार के लोग नीतीश कुमार के साथ हैं. नीतीश कुमार ने बिहार में बिजली, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा पर शानदार काम किया है. मुसलमानों ने आरजेडी को रिजेक्ट कर दिया है.
मीडिया के गलियारों में यह चर्चा है कि बिहार के मुसलमानों ने इफ्तार पार्टी में जाने से इसलिए इनकार किया क्योंकि, नीतीश कुमार ने वक्फ संशोधन बिल का समर्थन किया है.
–
डीकेएम/