नेता प्रतिपक्ष चुनते ही सपा की असलियत सामने आई : केशव प्रसाद मौर्य

लखनऊ, 29 जुलाई . यूपी विधानसभा में माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने को लेकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है.

उन्होंने कहा कि पिछड़ों, दलितों के समर्थन से चुनकर आए नेताओं में मायूसी है.

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि कांग्रेस के मोहरा सपा बहादुर अखिलेश यादव की नेता प्रतिपक्ष चुनते ही असलियत सामने आने से सपा में पीडीए चालीसा पढ़ने वाले पिछड़ों दलितों के समर्थन से चुनकर आए नेताओं में मायूसी है. भाजपा में सबका साथ विकास और सम्मान है. 2027 में 2017 दोहराना है. कमल खिला है फिर खिलाना है.

ज्ञात हो कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पूर्वांचल से आने वाले ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा यूपी विधानसभा उपचुनाव में समीकरण साधने की कोशिश की है. वह सात बार के विधायक हैं. साथ ही विधानसभा अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं. वह वर्तमान में सिद्धार्थनगर की इटवा विधानसभा सीट से विधायक हैं.

समाजवादी पार्टी ने यूपी विधानसभा में माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाकर ब्राह्मण कार्ड खेला है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद अखिलेश यादव के सांसद चुने जाने के कारण रिक्त हुआ था.

राजनीतिक विश्लेषकों का आकलन था कि पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) समाज का ही कोई नेता इस पद के लिए चुना जाएगा.

उधर, उत्तर प्रदेश में विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं. विपक्ष खासतौर पर सपा और कांग्रेस ने मिलकर सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है. विधानसभा से जारी सूचना के अनुसार मानसून सत्र 29 जुलाई से 2 अगस्त तक चलेगा.

सत्र में कई अध्यादेश और अधिसूचनाओं को सदन के पटल पर रखा जाएगा. 30, 31 जुलाई और 1, 2 अगस्त को विधायी कार्य होंगे. जानकारी के अनुसार वित्त मंत्री सुरेश खन्ना 30 जुलाई को अनुपूरक पेश करेंगे, जिसे एक अगस्त को पारित किया जाएगा.

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