नई दिल्ली, 26 जुलाई . केरल के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को संसद में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की. इस दौरान तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) विनियमों में संशोधन की आवश्यकता पर चर्चा हुई.
प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात के दौरान केरल में मानव-पशु संघर्ष की बढ़ती घटनाओं पर ध्यान देने का आग्रह किया.
मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि वर्तमान सीआरजेड विनियम लाखों केरलवासियों के जीवन और आजीविका को खतरे में डालते हैं. उन्हें अपने घरों के साथ-साथ आवश्यक मछली पकड़ने के बुनियादी ढांचे को मान्यता देने और अवैध घोषित किए जाने के खतरे से मुक्त करने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि इसका समाधान करने के लिए, हम मांग करते हैं कि केंद्र केरल सरकार की मसौदा सीआरजेड योजना को स्वीकार करे, जिसे राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन केंद्र (एनसीएससीएम) ने मंजूरी दी है, ताकि केरल के लाखों मछुआरों को तत्काल राहत मिल सके.
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि मौजूदा मानव-पशु संघर्ष बिना किसी विश्वसनीय समाधान के लंबे समय से चल रहा है. हमने आग्रह किया कि वे वन्यजीव संरक्षण की आवश्यकता और मानव जीवन को बचाने के बीच संतुलन बनाने वाले समाधान खोजने के लिए तत्काल कदम उठाएं.
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पीएसके/एबीएम