कोच्चि, 12 अगस्त . केरल हाईकोर्ट ने मलयालम अभिनेता निविन पॉली और फिल्म निर्माता अब्रीड शाइन के खिलाफ 1.9 करोड़ रुपए के कथित धोखाधड़ी मामले में आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी है.
कोर्ट ने कहा कि यह विवाद आपराधिक नहीं, बल्कि सिविल (नागरिक) प्रकृति का लगता है. इसका मतलब है कि यह मामला पैसों के लेन-देन या समझौते से जुड़ा है, न कि किसी अपराध से, इसलिए इसे सिविल कोर्ट में हल करना चाहिए.
जज वी.जी. अरुण ने दोनों आरोपियों की याचिकाएं सुनने के बाद एक अस्थायी आदेश दिया. कोर्ट ने माना कि उनकी दलील सही है, क्योंकि पुलिस की एक पुरानी रिपोर्ट में कहा गया था कि यह विवाद आपराधिक नहीं, बल्कि पैसों या समझौते से जुड़ा सिविल मामला है. इसलिए शिकायतकर्ता को सिविल कोर्ट में जाकर इस मामले का हल ढूंढना चाहिए.
जज ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने बिना उचित जांच के शिकायत को आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 175(3) के तहत जांच के लिए भेजने में गलती की.
यह मामला कोट्टायम के थलयोला परमबु पुलिस स्टेशन में इंडियन मूवी मेकर्स के मालिक पी.एस. शमनास की शिकायत पर दर्ज किया गया था.
पी.एस ने आरोप लगाया कि उन्होंने साल 2022 की फिल्म ‘महावीर्यर’ में 3.5 से 4 करोड़ रुपए का निवेश किया, जो बॉक्स ऑफिस पर असफल रही. इसके बाद, उन्हें ‘एक्शन हीरो बिजु 2’ में सह-निर्माता की भूमिका और इसके विदेशी अधिकारों से होने वाले मुनाफे का हिस्सा देने का वादा किया गया था.
उन्होंने दावा किया कि आरोपियों ने फिल्म के टाइटल ट्रांसफर की जानकारी छिपाई और एक पुराने समझौते का इस्तेमाल करके विदेशी अधिकार 5 करोड़ रुपए में दुबई की एक कंपनी को बेच दिए, जिससे उन्हें वित्तीय नुकसान हुआ.
निविन पॉली और अब्रीड शाइन के वकील ने तर्क दिया कि शिकायत में धोखाधड़ी या विश्वासघात साबित नहीं होते. उन्होंने Supreme court के एक फैसले का हवाला दिया, जिसमें बिना सोचे-समझे शिकायतों को पुलिस को भेजने के खिलाफ चेतावनी दी गई थी.
याचिकाकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि शमनास ने केरल फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स में जमा किए गए डॉक्यूमेंट्स में निविन पॉली के हस्ताक्षर जाली किए, जिसके लिए एक अलग शिकायत दर्ज की गई है.
हाईकोर्ट ने इस मामले में कार्यवाही पर रोक लगाने के बाद अगली सुनवाई 11 सितंबर को तय की है.
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एमटी/केआर