पठानमथिट्टा, 14 अक्टूबर . केरल Government ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा लक्ष्य तय किया है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने विजन 2031 स्वास्थ्य सेमिनार के दौरान Tuesday को ‘विजन 2031- हेल्थ सेक्टर ऑफ केरल’ नामक नीति दस्तावेज पेश किया और कहा कि केरल 2031 तक ऐसा राज्य बनना चाहता है, जहां हर नागरिक को बिना भेदभाव के बेहतर इलाज मिल सके.
मंत्री ने बताया कि Government का फोकस स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों के करीब लाना है. अब इलाज के लिए लोगों को सिर्फ बड़े अस्पतालों या शहरों की ओर भागना नहीं पड़ेगा. Government स्पेशल इलाज की सुविधाएं छोटे अस्पतालों तक पहुंचाएगी. इसके साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को और मजबूत किया जाएगा. दुर्घटना या इमरजेंसी की स्थिति में इलाज की सुविधा को भी और बेहतर बनाया जाएगा, ताकि किसी की जान सिर्फ देरी के कारण न जाए.
राज्य की सबसे अहम स्वास्थ्य योजना ‘करुण्य स्वास्थ्य सुरक्षा योजना’ के तहत अभी तक 42.2 लाख परिवारों को इलाज की सुविधा मिल रही है. इस योजना के अंतर्गत हर परिवार को हर साल 5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज दिया जाता है.
मंत्री ने बताया कि इस योजना को और आगे बढ़ाया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिल सके. साथ ही, करुण्य बेनेवोलेंट फंड भी पहले की तरह चलता रहेगा.
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे बताया कि Government अब बीमारियों से बचाव को लेकर भी गंभीर है. आजकल की जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां जैसे मोटापा, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ रही हैं. इनसे निपटने के लिए Government ने ‘हेल्दी लाइफ कैंपेन’ शुरू किया है. इसके तहत 10,000 योग क्लब बनाए जा रहे हैं और स्कूलों में बच्चों के लिए स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिससे बच्चे बचपन से ही अच्छे स्वास्थ्य की ओर प्रेरित हों.
राज्य ने 30 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की सेहत की जांच के लिए ‘आनंदम कैंपेन’ शुरू किया है. इसके जरिए स्वास्थ्यकर्मी लोगों के घर-घर जाकर जांच कर रहे हैं और जरूरत होने पर इलाज की सुविधा भी दी जा रही है. यह कदम बीमारियों को शुरुआती दौर में ही पकड़ने के लिए उठाया गया है.
कैंसर की रोकथाम के लिए ‘हेल्थ फॉर कैंसर प्रिवेंशन- आनंदम आकारम’ अभियान के तहत अब तक 20 लाख से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. इसके अलावा, आधुनिक तकनीक से युक्त कैंसर इलाज केंद्रों की भी स्थापना की जा रही है ताकि लोगों को बेहतर इलाज मिल सके.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि केरल में अब नई-नई बीमारियों का खतरा भी सामने आ रहा है, जैसे अमीबिक मेनिन्जोएंसेफलाइटिस. इससे निपटने के लिए राज्य में एक मजबूत इंटेलिजेंस सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जो किसी भी बीमारी के फैलने से पहले ही अलर्ट जारी करेगा. हर इलाके के लिए अलग प्लान भी तैयार किया जा रहा है ताकि तेजी से कार्रवाई की जा सके.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केरल एक हेल्थ हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जहां देश-विदेश से लोग इलाज के लिए आ सकें. एंटीबायोटिक दवाओं के गलत इस्तेमाल को रोकने में केरल पहले ही एक मिसाल बन चुका है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे स्वास्थ्य से जुड़ी अफवाहें न फैलाएं और केवल वैज्ञानिक तथ्यों पर भरोसा करें.
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजन एन. खोब्रागड़े ने भी पिछले 10 वर्षों में केरल की स्वास्थ्य सेवाओं की प्रगति पर एक रिपोर्ट पेश की और बताया कि किस तरह राज्य ने कई बीमारियों पर नियंत्रण पाया है.
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पीके/एएस