केजरीवाल की अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने की याचिका नामंजूर

नई दिल्ली, 29 मई . सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत अवधि सात दिन बढ़ाने की मांग वाली याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया.

सीएम ने पीईटी-सीटी स्कैन समेत मेडिकल जांच कराने के लिए अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग की थी.

दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीएम केजरीवाल तिहाड़ जेल में बंद थे. कोर्ट ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल को एक जून तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट उन्हें दो जून को तिहाड़ जेल में वापस आत्मसमर्पण करने का भी आदेश दिया था.

रजिस्ट्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. सात दिन की मोहलत मांगने वाली अर्जी का मुख्य याचिका से कोई संबंध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की स्वतंत्रता दी है, ऐसे में अर्जी सुनवाई के योग्य नहीं है.

आम आदमी पार्टी (आप) के अनुसार, शराब घोटाले में गिरफ्तारी के बाद से सीएम केजरीवाल की तबीयत खराब हो गई है. गिरफ्तारी के बाद उनका वजन सात किलो कम हो गया है. उनका कीटोन स्तर भी बहुत ज्यादा है, जो सीरियस मेडिकल डिसऑर्डर का संकेत देता है.

पार्टी ने आगे कहा कि सीएम केजरीवाल को मेडिकल टेस्ट कराना जरूरी है. इसके लिए सात दिन का समय चाहिए.

सीएम केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मंगलवार को जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस केवी विश्वनाथन की वेकेशन बेंच से अनुरोध किया कि वह अर्जी की सुनवाई के लिए तत्काल सूचीबद्ध करने का आदेश दें.

सिंघवी ने कहा, “20 दिन की अंतरिम जमानत अवधि समाप्त हो रही है. उन्हें तत्काल मेडिकल टेस्ट के लिए जाना है. मैं केवल सात दिन मांग रहा हूं.”

इस पर न्यायमूर्ति माहेश्वरी ने कहा, “न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली एक अन्य पीठ ने 17 मई को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस आवेदन को मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के पास भेजना उचित होगा.”

न्यायमूर्ति माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “हम आपके दलीलों को मुख्य न्यायाधीश के पास भेजेंगे. मुख्य न्यायाधीश को निर्णय लेने दें. साथ ही पीठ ने आवेदन को उचित आदेश के लिए मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ के समक्ष रखने का आदेश दिया.

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