भरत नहीं, भ्रष्टाचार की कुर्सी, केजरीवाल के जेल का लगाया जाना चाहिए फोटो : नीरज कुमार

पटना, 24 सितंबर . दिल्ली की नई सीएम आतिशी ने कार्यभार संभालते हुए सीएम ऑफिस में एक खाली कुर्सी अरविंद केजरीवाल के लिए छोड़ दी और खुद दूसरी कुर्सी पर बैठीं. इसको लेकर भाजपा हमलावर है, तो वहीं जेडीयू ने भी तीखी प्रतिक्रिया जताई है.

जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि, दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी का शपथ ग्रहण समारोह अरविंद केजरीवाल की कृपा से नहीं हुआ है. सर्वोच्च न्यायालय ने केजरीवाल को मुख्यमंत्री कार्यालय जान से मना कर दिया, इसके बाद यह घटनाक्रम देखने को मिल रहा है. हम उम्मीद करते हैं कि जो खाली कुर्सी रखी गई है, उस पर सीएम केजरीवाल के जेल का फोटो घोटाले के रकम के साथ लगाया जाएगा. तब वो कुर्सी बहुत सुंदर लगेगी.

उन्होंने कहा कि, नई पीढ़ी और खासकर के विधायिका के लोग जाएंगे तो दर्शन करेंगे कि केजरीवाल ने संविधान का किस तरह से मजाक उड़ाया है. लोकतंत्र लोक लाज की बुनियाद पर चलता है, लेकिन केजरीवाल ने सभी मर्यादाओं को तार-तार कर दिया . वह भरत की कुर्सी नहीं है, बल्कि भ्रष्टाचार की कुर्सी है. केजरीवाल नाखून कटाकर शहीद होने का नाटक कर रहे हैं.

वहीं राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी समझदार हैं और उनके अंदर कई भावनाएं निहित है. राजकाज चलाने वाला व्यक्ति अगर अनुकरण करता है और अच्छी चीजों को मानक मानते हुए उसे सदैव अपने बगल में रखता है, तो उससे उसे शक्ति मिलती है. अरविंद केजरीवाल लंबे समय तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे और आप पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं. स्वाभाविक तौर पर जो अनुकरणीय काम उन्होंने दिल्ली के विकास के लिए किया होगा, वो आतिशी के लिए अनुकरणीय होगा.

भाजपा के सांसद मनोज तिवारी ने सोमवार को आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग भ्रष्टाचार के आरोप में जेल से बेल पर बाहर आए हैं और अपनी तुलना भगवान राम से करेंगे? क्या भगवान राम पर भ्रष्टाचार के आरोप थे. आज लोग दिल्ली शराब घोटाले और राजस्व के लूट से परेशान हैं. बिजली और पानी के बढ़े बिलों से परेशान हैं, बुजुर्गों की पेंशन बंद होने से परेशान हैं, गरीब राशन कार्ड नहीं बनने से परेशान है. एमसीडी और पीडब्ल्यूडी के नाले बंद होने से जनता परेशान है.

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