केजरीवाल को जमानत मिलना क्लीन चिट नहीं, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया का एक हिस्सा है : आलोक शर्मा

नई दिल्ली, 13 सितंबर . सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के बहुचर्चित कथित शराब नीति घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी है. वह आज ही जेल से बाहर आ जाएंगे. जिसके बाद वह आम लोगों से संवाद करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कांग्रेस सचिव आलोक शर्मा ने से बात करते हुए कहा, “जमानत किसी भी केस में न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है. कांग्रेस पार्टी इसको न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा मानती है. आज जिस तरह से केजरीवाल को सशर्त जमानत मिली है और जिस तरह से कोर्ट ने सीबीआई पर टिप्पणी की है, वह गृह मंत्रालय के ऊपर एक तमाचा है. किस तरह से सीबीआई को सुप्रीम कोर्ट ने पिंजरे में बंद तोता बताया. हम जानना चाहते हैं कि क्या यह सशर्त जमानत नहीं है. क्या उनको क्लीन चिट मिल गई है? इन सब चीजों को अब बीजेपी और आम आदमी पार्टी को आपस में डिसाइड करना चाहिए.”

उन्होंने आगे कहा, “हम कोर्ट का सम्मान करते हैं. जो फैसला आया है, हम उसका स्वागत करते हैं. लेकिन सीबीआई के बारे में जो टिप्पणियां की गई हैं, उस पर गृह मंत्रालय को जवाब देना चाहिए. मैं चाहता हूं कि पूरी तरह से इस केस के अंदर जल्द से जल्द कार्रवाई हो. जल्द से जल्द फैसला आए और दूध का दूध पानी का पानी हो जाए. ईडी के निदेशक पांच साल तक अनैतिक तरीके से उस पोस्ट पर बैठे रहे. इस पर भी सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया है, टिप्पणी नहीं की है, निर्णय दिया है कि उनको हटाएं. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज सीबीआई पर आया है, कल किसी और पर आएगा. इससे हमारी बात पूरी तरह से सिद्ध होती है की जांच एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है.”

बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति से जुड़े घोटाले के मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. जमानत से पहले उन्हें कोर्ट में दस-दस लाख रुपए के दो मुचलके भरने होंगे. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को लेकर सार्वजनिक टिप्पणी करने पर रोक लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मुकदमे में केजरीवाल सहयोग करें. केजरीवाल को सीबीआई वाले केस में भी जमानत पहले ही मिल चुकी है. केजरीवाल मामले में सुनवाई करते हुए दोनों जजों ने अलग-अलग बातें रखी है.

पीएसएम/एफजेड