केजरीवाल ने चुनाव आयोग में दाखिल किया 6 पन्ने का जवाब, कहा- हमारे संघर्ष के बाद कम हुआ अमोनिया

नई दिल्ली, 31 जनवरी . आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग पहुंचकर अपना जवाब दाखिल कर दिया है. उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, राज्यसभा सांसद राघव चड्डा, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, और राज्यसभा सांसद संजय सिंह मौजूद थे.

चुनाव आयोग में पहुंचने से पहले अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली के लोगों को बधाई देना चाहता हूं, आपकी सरकार का संघर्ष सफल हुआ और यह नतीजा आया. जहरीला पानी जो था, अब 2.1 अमोनिया पर आ गया है. हमारे संघर्ष की वजह से पानी का अमोनिया नीचे आया. उन्होंने कहा कि साजिश के तहत यह पानी भेजा गया था. नहीं तो बढ़ कैसे गया और अब कम कैसे हो गया.

उन्होंने कहा कि नोटिस का जवाब देने के लिए हम चुनाव आयोग जा रहे हैं. मैं देश के लोगों को बताना चाहता हूं कि क्या मुद्दा है. दिसंबर से सीएम ने देखा कि अमोनिया बढ़ने लगा था. दिसंबर और जनवरी तक हमने कोशिश की कि बातचीत से समाधान निकले. हम उस पर राजनीति नहीं चाहते. सीएम आतिशी ने नायब सैनी से बात की तो उन्होंने कहा कि मैं करूंगा, लेकिन नहीं किया. सीएम आतिशी के फोन उठाने बंद कर दिए. भगवंत मान ने भी फोन किया था लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया.

अरविंद केजरीवाल ने कहा, “हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि टॉप पॉलिटिकल की तरफ से निर्णय लिया जाएगा. सीएम दिल्ली, सीएम नायब सैनी से बात करे.”

अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में जहरीला पानी भेजकर आधी दिल्ली को प्यासा मारने की कोशिश की गई थी. 26 जनवरी को अमोनिया का स्तर 7 पीपीएम पहुंच गया, तब लगा कि यह खतरनाक खेल खेल रहे हैं. 27 जनवरी को सीएम आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि कैसे अमोनिया बढ़ रहा है. आज पानी में 2.1 अमोनिया हो गया है, अगर हम संघर्ष नहीं करते तो एक करोड़ लोगों को पानी मिलाना आज बंद हो गया होता.

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने सीएम हरियाणा को कोई नोटिस नहीं जारी किया, मुझे नोटिस जारी कर दिया. मुझे नोटिस दे रहे हैं, सजा देने की कोशिश कर रहे हैं. सीएम नायब सैनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए, उनके खिलाफ एक्शन होना चाहिए. बहुत सारे राज्य हैं जहां एक से दूसरे राज्य में पानी जाता है, फिर तो एक राज्य पानी रोक दे और चुनाव प्रभावित होगा.

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम यमुना की तीन बोतलें साथ लेकर जा रहे हैं. चुनाव आयोग को देंगे, 7 पीपीएम अमोनिया है, अगर उन्हें लगता है इसमें जहर नहीं है तो चुनाव आयोग इसे पीकर दिखा दे.

इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग में जाकर मुलाकात की और उन्होंने एक पत्र के माध्यम से अपना जवाब दाखिल किया. उस पत्र में अरविंद केजरीवाल ने लिखा कि पहला पॉइंट है कि जब यह पाया गया कि हरियाणा से दिल्ली को अत्यधिक अमोनिया युक्त विषैला पानी भेजा जा रहा है, तब दिल्ली की मुख्यमंत्री ने दिसंबर के अंतिम सप्ताह में हरियाणा के मुख्यमंत्री को फोन कर उनसे या तो अमोनिया का स्तर कम करने के लिए कदम उठाने या अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. हरियाणा के मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि वह आवश्यक कदम उठाएंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. इसके बाद, दिल्ली मुख्यमंत्री ने उन्हें कई बार फिर से फोन किया, लेकिन कुछ कॉल्स के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री ने उनके फोन उठाने बंद कर दिए.

अपने पत्र में दूसरा पॉइंट अरविंद केजरीवाल ने लिखा है कि ध्यान देने योग्य है कि 15 जनवरी से अमोनिया का स्तर बहुत तेजी से बढ़ा (15 जनवरी को लगभग 3.2 पीपीएम) और कुछ दिनों में 7 पीपीएम तक पहुंच गया. इस स्तर पर यह संदेह उत्पन्न हुआ कि हरियाणा के मुख्यमंत्री जानबूझकर दिल्ली में अत्यधिक अमोनिया युक्त पानी भेजकर दिल्ली के चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे थे. जब यह समस्या हल नहीं हुई और अमोनिया का स्तर 7 पीपीएम तक पहुंच गया, तब दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी 27 जनवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए मजबूर हुईं और उन्होंने दोपहर 1:17 बजे “एक्स” पर इसका ट्वीट किया.

इसके बाद, 27 जनवरी को दोपहर 1:34 बजे दिल्ली की मुख्यमंत्री ने फिर से इस मुद्दे पर ट्वीट किया. मैंने आतिशी के ट्वीट को 1:51 बजे दोबारा रीट्वीट किया. 27 जनवरी को 4:29 बजे दिया गया मेरा बयान इन्हीं घटनाओं की श्रृंखला में और केवल अमोनिया संदूषण के संदर्भ में था. इस बयान में मैंने स्पष्ट रूप से कहा कि दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) से समय मांगा था.

अपने पत्र में केजरीवाल ने लिखा है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री, जो भाजपा से हैं, ने दिल्ली में गंभीर जल संकट उत्पन्न करने और चुनावों को प्रभावित करने की साजिश रची. उन्हें भली-भांति ज्ञात था कि इससे दिल्ली में कृत्रिम जल संकट उत्पन्न होगा, जिससे आम आदमी पार्टी की सरकार को दोषी ठहराया जाएगा. इससे दिल्ली की लगभग आधी आबादी पानी के बिना रह जाती और लगभग 1 करोड़ लोगों को गंभीर संकट झेलना पड़ता.

उन्होंने लिखा है कि यह स्पष्ट है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री इस स्थिति के लिए पूर्ण रूप से दोषी हैं. उनके विरुद्ध एक आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने भारत की राजधानी के नागरिकों को गंभीर संकट में डालने का प्रयास किया है. यदि मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) हरियाणा सरकार और इस घटना के लिए जिम्मेदार भाजपा नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं करता है, तो यह चुनावी राजनीति में इस प्रकार की निंदनीय घटनाओं को सामान्य बना देगा. भविष्य में, केंद्र सरकार के अनुकूल राज्य सरकारें इस तरह के अनैतिक हथकंडों का इस्तेमाल चुनावों को प्रभावित करने के लिए कर सकती हैं, भले ही इससे आम जनता को बड़े पैमाने पर संकट झेलना पड़े. यदि इस व्यवहार को रोका नहीं गया तो “पानी” को चुनाव जीतने के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

उन्होंने लिखा है कि मैं इस बात से भी स्तब्ध हूं कि सीईसी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री को चुनाव से ठीक पहले दिल्ली के पानी को प्रदूषित करने से रोकने के लिए कोई आदेश पारित नहीं किया. बल्कि, सीईसी ने मुझे ही निशाना बनाया. अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में यह आरोप लगाया है कि सीईसी जनता की भलाई नहीं बल्कि भाजपा के हित में काम कर रहा है.

पीकेटी/एएस