किसानों से धोखा, अमेरिका की कपास पर ड्यूटी हटाना घातक फैसला: केजरीवाल

New Delhi, 28 अगस्त . आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व Chief Minister अरविंद केजरीवाल ने Prime Minister Narendra Modi पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार ने चुपचाप ऐसा निर्णय लिया है, जिससे देश के करोड़ों किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच जाएंगे.

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने अमेरिका के दबाव में आकर कपास (कॉटन) पर लगने वाली 11 प्रतिशत आयात शुल्क (ड्यूटी) हटा दी है. अब अमेरिका से आने वाली कपास भारत के किसानों की कपास से 15 से 20 रुपए प्रति किलो तक सस्ती पड़ेगी.

उनका कहना है कि इससे देश की टेक्सटाइल इंडस्ट्री अक्टूबर से पहले ही अमेरिकी कपास खरीद लेगी और जब भारतीय किसान अपनी कपास लेकर बाजार में आएंगे तो उनकी उपज खरीदारों के बिना रह जाएगी.

उन्होंने कहा कि किसानों ने कर्ज लेकर कपास की बिजाई की है और पूरी उम्मीदों के साथ फसल तैयार की है, लेकिन मोदी सरकार के इस फैसले से उनकी मेहनत बेकार हो जाएगी. केजरीवाल ने कहा, “पिछले साल किसानों को पहले ही अपनी कपास औने-पौने दाम पर बेचनी पड़ी थी, इस बार तो हालात और भी खराब होने वाले हैं.”

उन्होंने महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके का जिक्र करते हुए कहा कि यहां कपास किसान सबसे ज्यादा आत्महत्या करते हैं. जनवरी से मार्च 2025 के बीच केवल तीन महीनों में 767 किसानों ने आत्महत्या की. ऐसे गरीब किसानों की मदद करने की बजाय उनकी “पीठ में छुरा घोंपने का काम किया गया है.”

केजरीवाल ने तुलना करते हुए कहा कि अमेरिका पर यूरोपीय यूनियन ने 50 प्रतिशत, चीन ने 125 प्रतिशत और कनाडा ने 35 प्रतिशत तक टैरिफ लगाए, लेकिन मोदी सरकार ने इसके उलट अमेरिकी दबाव में झुकते हुए भारत में आयात शुल्क ही खत्म कर दिया.

उन्होंने साफ कहा कि अब किसानों को बचाने के लिए सभी राजनीतिक दलों और किसान संगठनों को एकजुट होकर आवाज उठानी होगी. इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी 7 सितंबर को गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले के चोटिला में एक बड़ी किसान जनसभा आयोजित करेगी. केजरीवाल ने मोदी सरकार से मांग की कि तुरंत प्रभाव से अमेरिकी कपास पर पुनः ड्यूटी लगाई जाए, ताकि देश के किसानों को बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि “किसान पहले ही कर्ज और आत्महत्या की कगार पर है, यदि यह फैसला वापस नहीं लिया गया तो आने वाले समय में किसानों की हालत और भी भयावह हो जाएगी.”

पीकेटी/केआर