महंगाई पर काबू पाने के लिए रेपो रेट को स्थिर रखना बिल्कुल सही फैसला: एक्सपर्ट

नई दिल्ली, 6 दिसंबर . भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा दिसंबर 2024 की मौद्रिक नीति में महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों को स्थिर रखना बिल्कुल सही फैसला है. इससे देश के आर्थिक विकास को सहारा मिलेगा. यह बयान एक्सपर्ट द्वारा शुक्रवार को दिया गया.

इन्फोमेरिक्स रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री, डॉ. मनोरंजन शर्मा ने कहा कि खाद्य महंगाई दर उच्च स्तर पर होने के कारण मुद्रस्फीति फिलहाल आरबीआई की ओर से तय की गई सीमा से ऊपर के स्तर पर बनी हुई है. ऐसे में अगर रेपो रेट में कटौती होती तो एक गलत संदेश जाता. इस कारण से केंद्रीय बैंक द्वारा रेपो रेट को स्थिर रखना बिल्कुल सही फैसला है.

उन्होंने कहा कि आरबीआई ने कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) में 50 आधार अंक की कटौती करने का ऐलान किया है. इससे बैंकिंग सिस्टम में 1.15 लाख करोड़ रुपये की तरलता आएगी और बैंक पहले के मुकाबले अधिक अग्रिम दे पाएंगे. इससे देश के विकास को बढ़ावा मिलेगा.

शर्मा के मुताबिक, रेपो को स्थिर रखने के फैसला का लोगों की ईएमआई पर कोई असर नहीं होगा.

आरबीआई द्वारा चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया गया है. विकास दर अनुमान कम करने की वजह वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी का 5.4 प्रतिशत की दर से बढ़ना है.

दास ने आगे कहा कि भारत की ग्रोथ स्टोरी जारी है. हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर बता रहे हैं कि घरेलू आर्थिक गतिविधियों में आई सुस्ती चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बॉटम आउट हो गई है. इसकी वजह त्योहारी सीजन के कारण मांग में सुधार होना और ग्रामीण गतिविधियों में तेजी आना है.

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में जीडीपी विकास दर अनुमान को 7.4 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है. वहीं, चौथी तिमाही के लिए जीडीपी विकास दर अनुमान को 7.4 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है. वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी विकास दर अनुमान को 7.3 प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है.

एबीएस/एबीएम