कटनी, 29 अगस्त . मध्य प्रदेश के कटनी में थाने में दलित महिला के साथ हुई बर्बरता के मामले ने राज्य की सियासत में तूफान ला दिया है. इस घटना ने न केवल प्रदेश की कानून-व्यवस्था की पोल खोल दी है, बल्कि यह भी उजागर किया है कि कैसे दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोगों के साथ अत्याचार किया जा रहा है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस मामले को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि प्रदेश में दलित, आदिवासी और पिछड़ों पर अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं. यह घटना मध्य प्रदेश में दलितों के साथ हो रहे अत्याचार की एक और कड़ी है, जिसने प्रदेश की सरकार को घेर लिया है.
उन्होंने कहा कि सरकार को एनसीआरबी की रिपोर्ट देखनी चाहिए, जिसमें यह साफ-साफ बताया गया है कि दलित, आदिवासी और पिछड़ों के खिलाफ अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं. भाजपा का असली चेहरा देश के सामने आया है, यह घटना भाजपा के दलित विरोधी चेहरे को बेनकाब करती है. कहीं चेहरे पर पेशाब करने, तो कहीं पेशाब पिलाने के मामले सामने आ रहे हैं.
सरकार पर मामले की लीपापोती करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति खराब है. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि अपने नंबर बढ़ाने के लिए मकान गिराने और बुलडोजर चलाने वाली सरकार क्या टीआई पर कार्रवाई करेगी. यह घटना डॉ. भीमराव अम्बेडकर के विचारों के विरुद्ध है. भाजपा के कार्यकर्ता दलितों पर अत्याचार करते हैं, उन्हें पेशाब पिलाते हैं, नंगा करके मारते हैं, उल्टा करके मारते हैं.
उन्होंने कहा कि वो आज कटनी जाएंगे और पीड़ित परिवार से मुलाकात करेंगे. उनकी वेदना को देश में नेता प्रतिपक्ष तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे. भाजपा मध्य प्रदेश में दलितों को कुचलना चाहती है, लेकिन कांग्रेस इसके खिलाफ जनमानस तैयार करेगी.
बता दें कि कटनी स्थित जीआरपी थाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें जीआरपी के अधिकारी एक बुजुर्ग दलित महिला और उसके नाबालिग पोते को बेरहमी से पीट रहे हैं. वीडियो वायरल होने के बाद कटनी जीआरपी थाना प्रभारी को पद से हटा दिया गया है और इस घटना की जांच शुरू कर दी गई है.
इस घटना को लेकर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शिवम शुक्ला का दावा है कि यह मामला लगभग एक साल पुराना है. इसके बाद भी प्रदेश सरकार ने इसे संवेदनशीलता से संभाला है. शुक्ला ने आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा ऐसे मुद्दों की तलाश में रहती है, जहां वह अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक सके.
–
पीएसके/