जम्मू, 22 नवंबर . जम्मू विकास प्राधिकरण ने कश्मीरी पंडित प्रवासियों द्वारा बनाई गई दुकानों को ध्वस्त कर दिया है. इसके बाद वहां विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है. प्रभावित व्यक्तियों ने सरकार से उनकी दुर्दशा का समाधान करने का आग्रह करते हुए नई दुकानों की मांग की है.
पीड़ित राजेंद्र कुमार ने शुक्रवार को को बताया, “दो दिन पहले मैंने अपनी दुकान खोली थी. कुछ लोग बुलडोजर के साथ आए और बोले कि एक घंटे के भीतर दुकान से सभी सामान खाली कर दो. मैं सारा सामान भी नहीं निकाल पाया और बुलडोजर की कार्रवाई कर दी गई. एक घंटे के भीतर पूरी दुकान तोड़ दी गई. हमें इस कार्रवाई के बारे में किसी तरह से कोई जानकारी नहीं दी गई. हमें नोटिस भी नहीं दिया गया था.”
उन्होंने बताया कि वह 35 साल से यहां पर दुकान चला रहे हैं. उन्हें नहीं पता कि इस जगह पर सरकार क्या बनाने वाली है. दुकान से रोजाना 100-200 रुपये कमा रहे थे, जिससे परिवार का गुजारा चल रहा था. बच्चे भी पढ़ रहे थे. दुकान पर कार्रवाई होने से हम फिर से सड़क पर आ गए हैं.
एक अन्य दुकानदार ने बताया कि वह 1991 से यहां पर रह रहे हैं. दुकान के सहारे अपने बच्चों को पाल रहे थे. उन्होंने कहा, “मैं जम्मू विकास प्राधिकरण (जेडीए) से यह पूछना चाहता हूं कि क्या किसी दुकानदार को नोटिस दिया गया. अगर किसी दुकानदार ने नोटिस पर हस्ताक्षर किया है तो मैं जेडीए से मांफी मांगूंगा. कल तीन लोग मेरी दुकान पर आए. मुझे लगा कि वे कुछ खरीदने आए हैं. लेकिन, मैं जब तक कुछ समझ पाता, दुकान तोड़ दी गई. आधा सामान दुकान के अंदर ही रह गया. स्थानीय लोगों की मदद से मैं आधा सामान निकाल पाया.”
उन्होंने उपराज्यपाल से इंसाफ की मांग की है. साथ ही उमर अब्दुल्ला से सवाल किया, “आप यहां के मुख्यमंत्री हैं हमारी दुकानों पर कार्रवाई करने से पहले आपने नहीं सोचा कि हम लोग कहां जाएंगे?”
एक और दुकानदार कुलदीप ने बताया कि उनकी दुकान भी तोड़ दी गई है. यहां पर छोटी-छोटी दुकानें थी. हर दुकान से दुकानदारों को 400-500 रुपये की कमाई होती थी. हमें यहां पर सरकारी आवास भी दिया गया है. परिवार चलाने के लिए हम यहां पर अपनी दुकान चला रहे थे. 20 नवंबर को जेडीए के लोग सुबह-सुबह आ गए. हम दुकानदार अपनी दुकान खोल ही रहे थे. एक घंटे का समय दिया कि सामान खाली कर दो इसके बाद दुकानों को तोड़ दिया गया. हम यहां पर 35 साल से दुकान चला रहे थे, किसी ने कभी कुछ नहीं कहा. अचानक हमारी दुकान तोड़ दी जाती है. हमें कुछ समझ में नहीं आ रहा है.
आयुक्त अरविंद करवानी ने घटनास्थल का दौरा कर दुकानदारों को आश्वासन दिया कि क्षेत्र में नई दुकानें बनाई जाएंगी.
उन्होंने से कहा, “हमने पहले ही टेंडर जारी कर दिया है, जिसे कुछ दिनों में अंतिम रूप दे दिया जाएगा. जल्द ही दुकानों का निर्माण शुरू हो जाएगा. जनता ने पहले ही वहां दुकानों की मांग की थी, और टेंडर किया जाएगा. 25 तारीख तक इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा. पीडब्ल्यूडी कार्यकारी एजेंसी है और उनके माध्यम से हम मानदंडों के अनुसार दुकानें आवंटित करेंगे.”
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डीकेएम/एकेजे