पूरी तरह हाईटेक है काशी का रसूलपुर ग्राम पंचायत, मुख्यमंत्री भी कर चुके हैं सम्मानित

वाराणसी, 30 सितंबर . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय वाराणसी के पिंडरा विकासखंड के रसूलपुर गांव में प्रदेश का दूसरा हाईटेक पंचायत भवन है. यहां पर ग्रामीण महिलाओं और बच्चों को खास सुविधाएं दी जा रही हैं.

‘स्वच्छ भारत मिशन’ ग्रामीण लक्ष्य की ओर अग्रसर है. महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने से प्रेरित होते हुए मॉडल गांव की परिकल्पना की गई है, जिसमें गांव का समावेशी और सतत विकास ही मॉडल गांव का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य में काशी के पिंडरा विकास खंड का रसूलपुर गांव अग्रणी बनकर अहम भूमिका निभा रहा है. रसूलपुर ग्राम पंचायत आईएसओ प्रमाणित है. मॉडल गांव की श्रेणी में चयनित यह पंचायत कई प्रोत्साहन पुरस्कार जीत चुका है.

से बात करते हुए ग्राम प्रधान कैलाश यादव ने बताया, “डीपीआरओ ने 2021 में इस पंचयात को हाईटेक बनाने के लिए निर्देश दिया था. उस समय मैंने इसे जिले का पहला हाईटेक पंचायत भवन बनाने की कोशिश की, लेकिन यह आज उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बेहतरीन पंचायत भवन है.”

मॉडल गांव में रसूलपुर का चयन हुआ है. इसे दो बार मुख्यमंत्री से पुरस्कार भी मिल चुका है. गांव को 29 लाख रुपये की सम्मान राशि मिली है.

ग्राम प्रधान ने बताया कि सरकार की मंशा के अनुरूप इस पंचायत भवन में हाईटेक व्यवस्था की गई है. इसमें जनसेवा केंद्र है, स्वास्थ्य विभाग की टीम बैठती है, आलीशान सभागार है, ग्राम प्रधान कक्ष और सचिव कक्ष मौजूद है. एक छत के नीचे गांव वालों को सारी सुविधाएं मिलती हैं. ग्राम पंचायत में महिलाओं को मिल रहे रोजगार को लेकर उन्होंने बताया कि एक महिला को पंचायत सहायक पद पर रखा गया है. एक महिला को केयरटेकर के पद पर रखा गया है. इनके अलावा और भी महिलाओं को विभिन्न जगहों पर रोजगार दिया गया है.

समूह सखी हीरामनि ने बताया कि महिलाओं को लेकर बहुत अच्छा काम हो रहा है, इससे जुड़कर सभी महिलाएं अपनी आजीविका चला रही हैं. वह जब तक समूह से नहीं जुड़ी थीं, तब तक काम नहीं था, लेकिन अब बहुत फायदा है.

जन सेवा केंद्र में कार्यरत वंदना पटेल ने बताया, “लोगों को हम सरकारी योजनाओं के बारे में बताते हैं. लोगों की पेंशन से जुड़ी समस्याओं को हल करते हैं. प्रधानमंत्री का महिलाओं के प्रति यह कदम बहुत ही सराहनीय है. आज महिलाएं सशक्त हो रही हैं. वे किसी पर निर्भर नहीं हैं.”

एससीएच/एकेजे