वाशिंगटन, 1 दिसम्बर . अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के निदेशक के रूप में काश पटेल के नाम का ऐलान किया है.
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में लिखा, “मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि कश्यप ‘काश’ पटेल संघीय जांच ब्यूरो के अगले निदेशक के रूप में काम करेंगे. काश एक शानदार वकील, जांचकर्ता और अमेरिका फर्स्ट योद्धा हैं, जिन्होंने अपना करियर भ्रष्टाचार को उजागर करने, न्याय की रक्षा करने और अमेरिकी लोगों की रक्षा करने में बिताया है.
ट्रंप ने आगे कहा कि उन्होंने रूस, रूस के झांसे को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सच्चाई, जवाबदेही और संविधान के पैरोकार के रूप में खड़े रहे. काश ने मेरे पहले कार्यकाल के दौरान एक अविश्वसनीय काम किया, जहां उन्होंने रक्षा विभाग में चीफ ऑफ स्टाफ, राष्ट्रीय खुफिया के उप निदेशक और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में काउंटर टेररिज्म के लिए वरिष्ठ निदेशक के रूप में कार्य किया. काश ने 60 से अधिक जूरी ट्रायल में भी भाग लिया हैं. यह एफबीआई अमेरिका में बढ़ते अपराध की महामारी को समाप्त करेगी, प्रवासी आपराधिक गिरोहों को खत्म करेगी और सीमा पार मानव और ड्रग्स तस्करी के बुरे अभिशाप को रोकेगी. काश हमारे महान अटॉर्नी जनरल, पाम बॉन्डी के अधीन काम करेंगे, ताकि एफबीआई में निष्ठा, बहादुरी और ईमानदारी वापस लाई जा सके.
यदि अमेरिकी सीनेट द्वारा इसकी पुष्टि हो जाती है, जो कि अनिवार्य है, तो पटेल अमेरिका की शीर्ष जांच एजेंसी का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी और पहले दक्षिण एशियाई भी होंगे.
पटेल का नामांकन भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए एक नई ऊंचाई को दर्शाता है, जिसने खामोशी के साथ लगातार संयुक्त राज्य अमेरिका के वित्तिय और राजनीतिक क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाया है.
काश पटेल से पहले ट्रंप ने भारतीय अमेरिकी रिपब्लिकन नेता निक्की हेली को संयुक्त राष्ट्र में अपने पहले प्रशासन के दौरान राजदूत के रूप में नियुक्त किया था. यह एक संघीय कैबिनेट स्तर का पद था. 2020 में कमला हैरिस के उपराष्ट्रपति के रूप में चुने जाने तक हेली अमेरिकी राजनीतिक प्रणाली में सबसे अधिक सेवा देने वाली भारतीय अमेरिकी थी.
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पीएसके/एमके