करूर भगदड़ मामला: सीबीआई ने पूछताछ के लिए 306 लोगों को किया तलब

चेन्नई, 3 नवंबर . करूर में 27 सितंबर को हुए भगदड़ की घटना ने तमिलनाडु समेत पूरे देश को हिला कर रख दिया. यह घटना वेलुचमिपुरम में हुई थी, जब टीवीके नेता और Actor विजय के एक बड़े कार्यक्रम में भारी भीड़ जमा हुई.

इतनी बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होने के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और 41 लोगों की जान चली गई. इसके अलावा 60 से अधिक लोग घायल हुए.

यह हादसा न केवल व्यक्तिगत और पारिवारिक दुख का कारण बना बल्कि Political और प्रशासनिक स्तर पर भी कई सवाल खड़े कर गया. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) गहनता से जांच कर रही है. अधिकारियों ने 306 लोगों को पूछताछ के लिए समन जारी किया है.

प्रवीन कुमार की अगुवाई में सीबीआई की टीम करूर में अस्थायी कैंप से काम कर रही है और जांच को तेज कर रही है. इस पूरे ऑपरेशन की निगरानी सेवानिवृत्त Supreme court के न्यायाधीश अजय रस्तोगी और अतिरिक्त Police महानिदेशकों (एडीजीपी) सोनल मिश्रा और सुमित सरन कर रहे हैं. जांचकर्ताओं का उद्देश्य यह पता लगाना है कि हादसा क्यों हुआ और इसमें किन लोगों या संस्थाओं की लापरवाही रही.

जांच के दौरान सीबीआई ने घटनास्थल का विस्तार से निरीक्षण किया. उन्होंने यह भी आकलन किया कि कार्यक्रम स्थल पर कितने लोगों की क्षमता थी और क्या आयोजकों ने सुरक्षा नियमों का पालन किया. स्थानीय दुकानदारों और गवाहों से भी बात की गई, ताकि घटना की पूरी सटीक जानकारी मिल सके. इन पूछताछों और निरीक्षणों के जरिए यह समझने की कोशिश की जा रही है कि भीड़ का नियंत्रण क्यों नहीं किया जा सका और किन व्यवस्थागत या प्रशासनिक चूक के कारण यह दुर्घटना हुई.

विशेष रूप से इस मामले में यह देखा जा रहा है कि कार्यक्रम की योजना बनाने और अनुमति देने वाले अधिकारियों की क्या भूमिका थी. करूर शहर के Police इंस्पेक्टर मणिवन्नन से भी पूछताछ की गई, जिन्होंने इस कार्यक्रम के लिए अनुमति दी थी. उनसे दो घंटे से अधिक समय तक सुरक्षा इंतजाम, अधिकारियों के साथ संपर्क और आयोजकों के साथ तालमेल के बारे में सवाल किए गए.

सीबीआई ने अब तक कुल 306 लोगों को तलब किया है. इसमें मरने और घायल होने वालों के परिवार, कार्यक्रम में लोगों को बुलाने वाले टीवीके की थमिझागा राष्ट्रीय पेरवाई (टीआरपी) पार्टी के सदस्य और अन्य जिम्मेदार अधिकारी शामिल हैं. अधिकारियों ने कहा कि इन सभी के बयान से जवाबदेही की पहचान करने में मदद मिलेगी.

आगे की जांच में सीबीआई चेन्नई स्थित टीवीके मुख्यालय भी जाएगी. वहां यह देखा जाएगा कि कार्यक्रम से पहले आदेश और जिम्मेदारियों का बंटवारा कैसे किया गया था. इस प्रक्रिया के दौरान, यह स्पष्ट किया जाएगा कि कार्यक्रम की तैयारी में किन स्तरों पर चूक हुई और किसकी जिम्मेदारी थी. यह कदम जांच को और गहराई देगा और घटनाक्रम के पीछे की पूरी सच्चाई सामने लाएगा.

पीके/एएस