नई दिल्ली,30 मार्च . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न को उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि करार देते हुए कहा है कि यह एक ऐसी विभूति को सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन सामाजिक न्याय और समानता के लिए समर्पित कर दिया. उन्होंने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित करने को देश के विकास, विशेषकर कृषि और ग्रामीण विकास में उनके अतुलनीय योगदान का सम्मान बताया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्पूरी ठाकुर के संघर्ष को याद करते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा, “कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न एक ऐसी विभूति को सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन सामाजिक न्याय और समानता के लिए समर्पित कर दिया. जननायक को समाज के अत्यंत पिछड़े वर्ग के मसीहा के रूप में जाना जाता है. समाज में हाशिये पर खड़े लोगों के उत्थान के लिए उन्होंने अपना बहुमूल्य योगदान दिया. पिछड़े वर्ग के अधिकारों के लिए कर्पूरी जी का अथक संघर्ष हमेशा याद किया जाएगा. उनको भारत रत्न का सम्मान हमारे समावेशी समाज और संवेदनशीलता के भारतीय मूल्यों का ही सम्मान है.”
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिबद्धता को आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक बताते हुए उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न देश के विकास, विशेषकर कृषि और ग्रामीण विकास में उनके अतुलनीय योगदान का सम्मान है. मुझे विश्वास है कि कड़ी मेहनत और जनसेवा के लिए उनकी प्रतिबद्धता हमारी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी.”
पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “पीवी नरसिम्हा राव गारू ने हमारे देश के लिए जो किया है, उसे हर भारतीय मानता है और उन्हें इस बात पर गर्व है कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया है. उन्होंने हमारे देश की प्रगति और आधुनिकीकरण को आगे बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया. उन्हें एक सम्मानित विद्वान और विचारक के रूप में भी जाना जाता है. उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा.”
महान कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “कृषि जगत की एक सम्मानित हस्ती डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन की आनुवंशिकी और कृषि विज्ञान के क्षेत्र में उनके अग्रणी कार्य और अनुसंधान के लिए व्यापक रूप से प्रशंसा की जाती है. उनके प्रयासों ने भारत को खाद्य उत्पादन में संघर्ष से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया. उन्हें दिया गया भारत रत्न अधिक से अधिक लोगों को कृषि और खाद्य सुरक्षा में अनुसंधान करने के लिए प्रेरित करे.”
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एसटीपी/एकेजे