मैसूरु (कर्नाटक), 29 अप्रैल . कर्नाटक के 76 वर्षीय प्रतिष्ठित दलित नेता श्रीनिवास प्रसाद का निधन हो गया है. उन्होंने बेंगलुरु के निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली. श्रीनिवास प्रसाद का निधन बीजेपी के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्होंने दक्षिण कर्नाटक में बीजेपी का वर्चस्व स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई थी.
इसके अलावा, उन्होंने बीजेपी के लिए शोषित वर्गों तक पहुंचने का मार्ग भी प्रशस्त किया था.
पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. कई अंगों के खराब होने की वजह से वो स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे. तीन दिन पहले ही उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
श्रीनिवास प्रसाद के परिवार में उनकी पत्नी प्रथिमा प्रसाद और बेटियां पूर्णिमा प्रसाद और पूनम प्रसाद हैं. पूर्णिमा प्रसाद ने बताया कि उनका पार्थिव शरीर मैसूरु के जयलक्ष्मीपुरम इलाके में स्थित उनके आवास पर रखा जाएगा, जहां लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे.
2019 के लोकसभा चुनाव में प्रसाद ने बीजेपी को जीत दिलाने की दिशा में अहम भूमिका अदा की थी. प्रसाद चामराजनगर लोकसभा सीट से 6 बार सांसद रहे. उन्होंने हाल ही में लोकसभा चुनाव से पहले राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया था.
प्रसाद ने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय खाद्य और नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया.
सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि प्रसाद का निधन सामाजिक न्याय की राजनीति के लिए गहरा झटका है. अलग राजनीतिक दल से होने के बावजूद भी हमारे रिश्ते उनसे काफी मधुर रहे थे.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने कहा, “अपने राजनीतिक करियर के अंतिम पड़ाव पर आकर उन्होंने बीजेपी का दामन थामा था और अपने सिद्धांतों, विचारधारा और राष्ट्रवाद को जनता तक पहुंचने में मदद की. उनके निधन से बहुत बड़ी क्षति हुई है.”
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