पड़िक्कल के शतक से सेमीफ़ाइनल में पहुंचा कर्नाटक

वडोदरा, 11 जनवरी . कर्नाटक की टीम ने बड़ौदा के ख़िलाफ़ 5 रन की रोमांचक जीत दर्ज करते हुए, विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी के सेमीफाइनल में जगह बना ली है. देवदत्त पड़िक्कल ने ऑस्ट्रेलिया से लौटने के तुरंत बाद 102 रन की बेहतरीन पारी खेली और ‘प्लेयर ऑफ़ द मैच’ का पुरस्कार जीता. हालांकि इस जीत का एक श्रेय कर्नाटक की बेहतरीन फ़ील्डिंग को भी दिया जाना चाहिए, जिसने इस मुक़ाबले का परिणाम बदल दिया.

282 रनों का पीछा करते हुए बड़ौदा कप्तान क्रुणाल पांड्या और शतकवीर शाश्वत रावत की तेज़ अर्धशतकीय साझेदारी के दम पर लक्ष्य के काफ़ी क़रीब पहुंच गई थी. लेकिन 34वें ओवर में 185/2 के स्कोर के बाद बड़ौदा ने अगली 27 गेंदों में सिर्फ़16 रन बनाते हुए तीन विकेट गंवा दिए, जिससे कर्नाटक को वापसी करने का मौक़ा मिल गया.

विकेटकीपर कृष्णन श्रीजीत ने पांड्या का एक हाथ से शानदार कैच लपका, जिसके बाद इस मैच ने अपना रंग ही बदल लिया. यह कैच वी कौशिक की गेंद पर लिया गया. इसके अगले ही ओवर में श्रेयस गोपाल ने विष्णु सोलंकी को पगबाधा आउट किया. इस विकेट के ठीक बाद कर्नाटक के कप्तान मयंक अग्रवाल ने मिड ऑफ़ से 30 गज पीछे की ओर भागते हुए शिवालिक शर्मा का जबरदस्त कैच पकड़ा और बड़ौदा की पारी यहीं से पूरी तरह से बिखर गई.

बड़ौदा की पारी के लड़खड़ाने के बावजूद शाश्वत रावत ने शतक पूरा किया. 44वें ओवर में उन्होंने अपना शतक बनाया. बड़ौदा को आख़िरी छह ओवरों में 59 रन की जरूरत थी और उनके चार विकेट शेष थे. भानु पुनिया (उन्होंने पिछले महीने सिक्किम के ख़िलाफ़ 54 गेंदों में नाबाद 131 रन बनाए थे) ने प्रसिद्ध कृष्णा के एक ओवर में 15 रन बटोर लिए. इसके बाद ऐसा लगा कि मैच फिर से बड़ौदा के पक्ष में जा सकता है.

हालांकि पुनिया और रावत के तीन गेंदों के अंदर आउट होने से मुक़ाबला फिर से पलट गया. प्रसिद्ध अपनी शुरुआती नौ ओवरों में बिना कोई विकेट लिए 58 रन दे चुके थे, लेकिन उन्होंने अपने 10वें ओवर में धीमी बाउंसर फेंकी, जिस पर रावत ने एक ग़लत शॉट खेलते हुए विकेटकीपर श्रीजीत को कैच थमा दिया.

हालांकि गिरते विकेटों के बीच भार्गव भट्ट और राज लिम्बानी ने महत्वपूर्ण बाउंड्री लगाकर मुक़ाबले को आख़िरी ओवर तक पहुंचाया. आखिरी छह गेंदों पर 13 रन की जरूरत थी. लेकिन बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ अभिलाष शेट्टी ने आख़िरी ओवर में बढ़िया गेंदबाज़ी की. जब बड़ौदा को आख़िरी दो गेंदों में 8 रन चाहिए थे, तो भट्ट ने स्ट्राइक अपने पास रखने के लिए दूसरा रन चुराने की कोशिश की, लेकिन डीप मिडविकेट से आर स्मरण के सटीक थ्रो ने उन्हें रन आउट कर दिया. इसी के साथ कर्नाटक की टीम का स्थान सेमीफ़ाइनल में पक्का हो चुका था.

मैच के पहले घंटे में तेज़ गेंदबाज़ों को काफ़ी मदद मिल रही थी, लेकिन पड़िक्कल ने कर्नाटक को मयंक अग्रवाल (जो टूर्नामेंट में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं) के जल्दी आउट होने के बावजूद संभाल लिया. अग्रवाल 5वें ओवर में ही पवेलियन लौट चुके थे. इसके बाद पड़िक्कल और केवी अनीश ने दूसरे विकेट के लिए 133 रन की साझेदारी की.

उन्होंने 94 गेंदों में शतक पूरा किया, लेकिन इसके तुरंत बाद लिम्बानी की गेंद पर पुल शॉट खेलने की कोशिश में विकेटकीपर को कैच दे बैठे. 172/2 के स्कोर के बाद कर्नाटक ने तेज़ी से कुछ विकेट ज़रूर गंवाए, लेकिन श्रीजीत और अभिनव मनोहर की छोटी लेकिन उपयोगी पारियों ने टीम को 280 के पार पहुंचाया, जो अंत में उनकी इस जीत में महत्वपूर्ण साबित हुआ.

आरआर/